प्रतीकात्मक तस्वीर
अमरावती. स्थानीय अतिरिक्त मुख्य न्यायदंडाधिकारी क्रमांक 8 आरटी घोगले ने अपना फैसला सुनाते हुए बाघ का शिकार कर उसके नाखून व दात निकालने वाले 5 आरोपीयों को 3 साल की कैद व प्रत्येकी 10 हजार का जुर्माने की सजा सुनाई है। जुर्माना न भरने पर प्रत्येकी 3 माह अतिरिक्त कैद की सजा सुनाई गई। 11 साल के बाद यह निर्णय आया है।
पूर्व मेलघाट विभाग के कुंडी सर्वे नंबर 1, अंबा पाटिल बिट, टेंब्रुसोडा राउंड, जामली परिक्षेत्र में अक्टूबर 2013 में बाघ का शिकार की घटना सामने आयी थी। आरोपियों में नानाजी भुरा साकोम, बाबुलाल भुरा साकोम, सुनील बिसराम मावसकर, सुंदरलाल जंगल्या माडेकर व सुरेश रंगू बेलकर (सभी रहनेवाले चिखलदरा) का समावेश है। इस मामले में पूर्व मेलघाट वनरक्षक की शिकायत का मामला दर्ज किया गया था।
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इस्तेगासे के अनुसार 8 अक्टूबर 2013 को वनविभाग के अधिकारियो नें अंबापाटी सर्कल में अतिक्रमण के जांच के लिए गये थे। उस समय वहां सड़े हुए मांस की बदबू फैली थी, जब वहां पर खोद कार्य किया गया तो, पेड के पत्ते व टहनियों से मवेशियों को झांककर रखा गया था। बाघ के नाखून व दांत निकालकर रखने की बात वनविभाग में ध्यान में आयी थी। वन्यजीव संरक्षक कानून अंतर्गत इस मामले में अपराध दर्ज किया गया।
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