अमरावती के मिल मजदूरों का आंदोलन
अमरावती: अचलपुर शहर में वर्षों से कार्यरत मिल मजदूरों की वेतन को लेकर वर्षों की पीड़ा अब सड़कों पर उतर आई है। बकाया वेतन की मांग को लेकर मजदूर संघ ने मंगलवार को चिमनी क्षेत्र में जोरदार आंदोलन किया गया। मजदूरों ने एक सुर में प्रशासन और मिल प्रबंधन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।
प्रदर्शनकारियों का कहना है कि तीन महीनों से वेतन नहीं मिला है। बार-बार अधिकारियों और प्रबंधन से गुहार लगाने के बावजूद अब तक कोई समाधान नहीं निकला है। आर्थिक संकट के चलते कई मजदूरों को अपने जीवन-यापन में भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। कुछ मजदूरों की आत्महत्या जैसी गंभीर घटनाएं भी सामने आ चुकी हैं, फिर भी प्रशासन और प्रबंधन की ओर से उदासीनता बनी हुई है।
उग्र आंदोलन की दी चेतावनी
मजदूरों ने चेतावनी दी है कि यदि जल्द से जल्द बकाया वेतन नहीं दिया गया, तो आंदोलन और भी उग्र रूप ले सकता है। उनका कहना है कि यह केवल मजदूरों की लड़ाई नहीं, बल्कि उनके परिवारों के जीवन-मरण का प्रश्न बन चुकी है। मजदूर संघ के नेताओं ने आरोप लगाया कि हर बार केवल आश्वासन देकर मजदूरों को बहलाया जाता है, लेकिन अब वे चुप बैठने वाले नहीं हैं। उन्होंने राज्य सरकार से तत्काल हस्तक्षेप कर मजदूरों को उनका बकाया दिलाने की मांग की है।
प्रदर्शन के चलते स्थानीय प्रशासन में भी हलचल मच गई है, हालांकि समाचार लिखे जाने तक कोई भी अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचा था। मजदूर संघ ने यह भी मांग रखी है कि आत्महत्या करने वाले मजदूरों के परिजनों को आर्थिक सहायता दी जाए और लापरवाही बरतने वाले मिल प्रबंधन पर आपराधिक मामला दर्ज किया जाए।
फिलहाल इस आंदोलन ने पूरे अचलपुर शहर का ध्यान अपनी ओर खींचा है। आने वाले दिनों में यह आंदोलन किस दिशा में जाएगा, यह देखना महत्वपूर्ण होगा, लेकिन इतना निश्चित है कि मिल मजदूरों की आवाज अब दबने वाली नहीं है।
हडताल पर गए कर्मियों का वेतन काटे
नांदगाव खंडेश्वर तहसील अंतर्गत स्थानिक भू-अभिलेख कार्यालय के सभी कर्मचारी अचानक हड़ताल पर चले जाने से कार्यालय में अफरा-तफरी मच गई। कर्मचारी तो अपनी मांगों को लेकर कभी भी हड़ताल पर जा सकते हैं। जो कर्मचारी बिना पूर्व सूचना के हड़ताल पर चले जाते हैं, उनकी हड़ताल के दौरान के दिन का वेतन काट लिया जाना चाहिए। यह मांग शिवसेना के प्रकाश मारोटकर ने शिकायत के माध्यम से की।