युवाओं को नशे से दूर रखने के लिए जनजागृति। (सौजन्यः सोशल मीडिया)
अकोला: युवाओं को नशे के जाल से बचाने के लिए पालकों को सतर्क रहने की आवश्यकता है। इसके साथ ही विद्यालयों और महाविद्यालय परिसरों में नशीले पदार्थों के दुष्प्रभावों को लेकर जागरूकता अभियान चलाना जरूरी है। यह निर्देश जिलाधिकारी अजीत कुंभार ने जिला नार्को कोऑर्डिनेशन सेंटर समिति की बैठक में दिए। बैठक में अपर पुलिस अधीक्षक अभय डोंगरे, राज्य उत्पादन शुल्क विभाग अधीक्षक सीमा झाबरे, प्रवर डाक अधीक्षक सी. वी. रामा रेड्डी, स्थानीय अपराध शाखा पुलिस निरीक्षक शंकर शेलके, यातायात पुलिस निरीक्षक मनोज बहुरे सहित कई वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
बैठक के दौरान जिलाधिकारी कुंभार ने नशामुक्ति केंद्रों की समय-समय पर जांच करने और इलाज करवाने वाले व्यक्तियों से नशीले पदार्थों की उपलब्धता के स्रोतों की जानकारी लेने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि नशामुक्ति केंद्रों में उपचार लेने वाले व्यक्तियों को उचित काउंसलिंग दी जानी चाहिए ताकि वे नशे की गिरफ्त से पूरी तरह बाहर आ सकें। इसके अलावा, रेलवे स्टेशन पर छापेमारी बढ़ाने के निर्देश भी दिए गए ताकि नशीले पदार्थों की तस्करी को रोका जा सके।
अकोला पुलिस विभाग द्वारा 1 मई से 31 मई तक नशीले पदार्थों के खिलाफ विशेष अभियान चलाया गया, जिसके तहत 22 अपराध दर्ज किए गए और 19 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया। इस अभियान में 15 लाख 62 हजार 344 रुपये मूल्य का 78 किलो 724 ग्राम गांजा जब्त किया गया।
नशीले पदार्थों की तस्करी रोकने के लिए संपूर्ण जिला स्तर पर ठोस नीति लागू करने की आवश्यकता पर चर्चा की गई। नशे की लत को रोकने, तस्करी को नियंत्रित करने और प्रभावी तरीके से समाधान निकालने के लिए जिला नार्को कोऑर्डिनेशन सेंटर समिति सक्रिय रूप से काम कर रही है। इस अभियान का उद्देश्य युवाओं को नशे की लत से बचाना और समाज में इसके प्रति जागरूकता फैलाना है।
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इस बैठक में यह स्पष्ट किया गया कि नशीले पदार्थों की तस्करी और बढ़ते नशे के प्रकोप पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इसके लिए सामाजिक संगठन, शिक्षण संस्थान और स्थानीय प्रशासन को मिलकर काम करने की जरूरत है। जिला स्तर पर नशामुक्ति अभियान को और प्रभावी तरीके से चलाने की योजना तैयार की जा रही है।