
अक्षय नागलकर हत्याकांड (सौजन्य-नवभारत)
Nagalkar Murder Case: अकोला शहर में हुए बहुचर्चित अक्षय नागलकर हत्या प्रकरण का पुलिस ने सनसनीखेज खुलासा करते हुए नौ आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। 22 अक्टूबर की शाम अक्षय नागलकर (26) घर से यह कहकर निकला था कि वह 15 मिनट में लौट आएगा, लेकिन वह वापस नहीं आया। अगले दिन डाबकी रोड थाने में उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज की गई।
परिजनों ने हत्या की आशंका जताई, जिसके बाद पुलिस अधीक्षक अर्चित चांडक ने विशेष जांच दल गठित कर जांच को गति दी। इस प्रकरण में पुलिस ने हड्डियों के टुकड़े, देसी पिस्तौल, वाहन और मोबाइल फोन आदि अहम सबूत बरामद किए हैं। यह जानकारी पुलिस विभाग की ओर से पत्र परिषद में दी गयी है।
जांच में सामने आया कि अक्षय नागलकर की हत्या उसके भाई शुभम नागलकर और चंदु बोरकर के बीच पुराने विवाद के चलते की गई। चंदु बोरकर ने अक्षय को गायगांव रोड स्थित एक बंद होटल में भोजन के बहाने बुलाया, जहां होटल का शटर बंद कर देसी पिस्तौल और धारदार हथियार से उसकी हत्या कर दी गई। हत्या के बाद शव को मोरगांव भाकरे स्थित खेत में बने टीन शेड में ले जाकर जला दिया गया और राख नदी में बहा दी गई, ताकि सबूत न मिल सके।
9 आरोपी गिरफ्तार (सौजन्य-नवभारत)
पुलिस ने हत्या की जांच करते हुए चंदु बोरकर, आशु वानखड़े, श्रीकृष्ण भाकरे, ब्रह्मा भाकरे, रोहित पराते, अमोल, उन्हाले, आकाश शिंदे, नारायण मेसरे और शिवहरी माली इन नौ आरोपियों को अकोला, अहमदनगर, जलगांव और मध्यप्रदेश से गिरफ्तार किया। पूछताछ में सभी ने हत्या की बात कबूल की। हत्या के लिए पहले से लकड़ी और स्थान तैयार किया गया था।
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पुलिस ने आरोपियों से जानकारी प्राप्त कर मृतक की हड्डियों के टुकड़े, दो देसी पिस्तौल, एक टाटा इंडिगो कार, तीन मोटरसाइकिलें, सात मोबाइल और छह जिंदा कारतूस बरामद किए हैं। सभी आरोपियों को 1 नवंबर को न्यायालय में पेश किया गया, जहां उन्हें 5 नवंबर तक पुलिस हिरासत में भेज दिया गया।
यह कार्रवाई पुलिस अधीक्षक अर्चित चांडक, एएसपी बी. चंद्रकांत रेड्डी और एसडीपीओ सुदर्शन पाटिल के मार्गदर्शन में जांच जारी है। इलेक्ट्रॉनिक और फॉरेंसिक साक्ष्यों के आधार पर आरोपियों को कठोर सजा दिलाने के लिए पर्याप्त सबूत जुटाए गए हैं। इस कार्रवाई में स्थानीय अपराध शाखा और डाबकी रोड थाने की संयुक्त टीमों ने अहम भूमिका निभाई।






