चुनाव अस्थायी रूप से टाले गए (सौजन्यः सोशल मीडिया)
Ahilyanagar Municipal Elections: स्थानीय स्वराज्य संस्थाओं के चुनावी माहौल में डूबे अहिल्यानगर जिले की राजनीति अचानक फिर से बदल गई है। राज्य चुनाव आयोग द्वारा मध्यरात्रि बाद लिए गए एक महत्वपूर्ण और चौंकाने वाले निर्णय के कारण बड़ी उलथापलथ हुई है। जिले की 12 में से 4 नगरपरिषदों के चुनाव अस्थायी तौर पर आगे बढ़ा दिए गए हैं। न्यायालयीन विवादों की वजह से प्रभावित इन चुनावों का कार्यक्रम पूरी तरह रद्द कर दिया गया है और अब यह चुनाव संशोधित समय-सारणी के अनुसार 20 दिसंबर 2025 को कराए जाएंगे।
इस निर्णय से जिले के राजनीतिक हलकों में खलबली मच गई है और राजनीतिक तापमान पुनः बढ़ने की संभावना है। नगरपरिषद व नगरपंचायत चुनाव प्रचार अंतिम चरण में पहुंच चुका था। राजनीतिक दल और उम्मीदवार पूरी ताकत से मतदाताओं तक पहुंचने में लगे थे।
लेकिन इसी बीच कोपरगांव, देवलाली, नेवासा और पाथर्डी नगरपरिषदों में नगराध्यक्ष पद के उम्मीदवारों की पात्रता को लेकर न्यायालय में अपील दायर की गई थी। इन प्रकरणों के निर्णय 23 नवंबर 2025 के बाद आए। इसी पृष्ठभूमि पर राज्य चुनाव आयोग ने नया परिपत्र जारी किया है। चुनाव आयोग ने स्पष्ट किया कि जिन नगरपरिषदों/नगरपंचायतों की चुनावी प्रक्रिया न्यायालयीन विवादों या परिपत्र के परिच्छेद-3 में वर्णित 4 कारणों से बाधित हुई थी, उन्हीं के चुनाव कार्यक्रम को रद्द कर नई तारीखें लागू की जा रही हैं।
21 दिसंबर 2025 सुबह 10 बजे से मतगणना शुरू होगी। अर्थात, मतदान के सिर्फ 24 घंटे बाद कोपरगांव, देवलाली, नेवासा और पाथर्डी नगरपरिषदों तथा नेवासा नगरपंचायत के नए प्रशासन की तस्वीर साफ हो जाएगी। इससे राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों में उत्सुकता और चिंता दोनों बढ़ गई है।
इन चुनावों के स्थगन से विरोधी दलों और बागी उम्मीदवारों को नए सिरे से रणनीति बनाने का समय मिल गया है। अब सभी दलों के सामने चुनौती है कि प्रचार का जोश और मतदाताओं की उत्सुकता बनाए रखें। सभी की निगाहें अब 20 दिसंबर को होने वाले मतदान पर टिकी हैं।
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निर्णय के चलते चारों नगरपरिषदों के राजनीतिक माहौल में भ्रम और असमंजस की स्थिति उत्पन्न हो गई है। उम्मीदवारों ने प्रचार अपने चरम स्तर पर पहुंचा दिया था, लेकिन अचानक चुनाव आगे बढ़ जाने के कारण उन्हें अपनी रणनीति व खर्च प्रबंधन पुनः तय करना होगा। कई उम्मीदवारों ने काफी बढ़त हासिल कर ली थी, अब यह अतिरिक्त समय वे कैसे उपयोग करेंगे, यह चुनौतीपूर्ण होगा।