आर्थिक और सामाजिक विकास -1960 के मुकाबले महाराष्ट्र अब भारत की सबसे तेज़ी से बढ़ती अर्थव्यवस्था वाला राज्य है, जिसकी विकास दर 2024-25 में 7.3% अनुमानित है, जो राष्ट्रीय औसत से अधिक है। 2025 में महाराष्ट्र की अनुमानित सकल आय 45,31,518 करोड़ रुपये है और प्रति व्यक्ति आय 3,09,340 रुपये तक पहुंच गई है। राज्य में कृषि, उद्योग और सेवा क्षेत्र में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है-कृषि में 8.7%, उद्योग में 4.9% और सेवा क्षेत्र में 7.8% की दर से विकास। अब राज्य में जिलों की संख्या बढ़कर 36 से अधिक हो गई है, और शहरीकरण की दर भी काफी बढ़ी है।
यहां 1960 में स्वास्थ्य सेवाएं सीमित थीं और मुख्य रूप से शहरी क्षेत्रों या जिला मुख्यालयों तक ही सीमित थीं। ग्रामीण और दूरदराज़ क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाओं की भारी कमी थी। मेडिकल कॉलेजों और विशेषज्ञ डॉक्टरों की संख्या बहुत कम थी। नागपुर में बने 1947 में बने मेडिकल कॉलेज में स्वास्थ्य व्यवस्थाएं सीमित थी। 2025 में महाराष्ट्र स्वास्थ्य सेवा सुविधाओं के लिए एक महत्वपूर्ण केंद्र बन गया है, जहां सभी प्रकार की गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध हैं। पिछले दो वर्षों में राज्य में दस नए मेडिकल कॉलेजों की स्थापना हुई है, जिससे डॉक्टरों और स्वास्थ्यकर्मियों की संख्या में वृद्धि हुई है।नागपुर के मेडिकल कॉलेज में हर तरह की स्वास्थ्य सुविधाएं और तकनीक उपलब्ध है। यहां तक की AIIMS की स्थापना भी अब नागपुर शहर में हो चुकी है। हालांकि, चुनौतियां अब भी बनी हुई हैं।
राज्य में सड़क नेटवर्क का भारी विस्तार हुआ है। 2025 तक 6,000 किमी सड़कों का उन्नयन हुआ है, जिसमें 41,730 करोड़ रुपये का निवेश हुआ है। 100 दिनों में 5,970 किमी सड़कें 34 जिलों में अपग्रेड की गईं। मुंबई में तीसरा एयरपोर्ट, बुलेट ट्रेन, मेट्रो नेटवर्क, और एक्सप्रेसवे (जैसे समृद्धि महामार्ग) जैसी बड़ी परियोजनाएं शुरू हुई हैं, जिससे क्षेत्रीय और राष्ट्रीय कनेक्टिविटी में जबरदस्त सुधार हुआ है। महाराष्ट्र के पास भारत के राष्ट्रीय राजमार्गों का 13% हिस्सा है और प्रमुख बंदरगाह क्षमता का 15%। तो वहीं अब महाराष्ट्र में मेट्रो का विकास भी तेजी से हो चला है। नागपुर जैसे कुछ जिलों में मेट्रो सेवाएं भी शुरू हो चुकी है।
सेवा और आईटी सेक्टर में जबरदस्त वृद्धि हुई है। औद्योगिकरण, शहरीकरण, और बुनियादी ढांचे का विस्तार हुआ है। डिजिटल इंडिया, स्टार्टअप्स, और विदेशी निवेश ने अर्थव्यवस्था को नई दिशा दी है। महाराष्ट्र का राष्ट्रीय जीडीपी में योगदान सबसे अधिक (13.5%) है।
प्रमुख टेलीकॉम कंपनियां (जियो, एयरटेल, वोडाफोन-आइडिया, बीएसएनएल) द्वारा 4G, 5G, और हाई-स्पीड ब्रॉडबैंड सेवाएं उपलब्ध हैं। लगभग हर गांव और शहर में मोबाइल नेटवर्क और इंटरनेट कनेक्टिविटी है। डिजिटल कम्युनिकेशन (जैसे वीडियो कॉल, ऑनलाइन बैंकिंग, डिजिटल पेमेंट, सोशल मीडिया) आम हो गया है। ऑप्टिकल फाइबर, वाई-फाई, और FTTH जैसी आधुनिक तकनीकों से इंटरनेट स्पीड और पहुंच में जबरदस्त सुधार हुआ है। सरकारी और निजी दोनों स्तरों पर डिजिटल इंडिया, स्मार्ट सिटी, और ई-गवर्नेंस जैसी योजनाओं ने संचार व्यवस्था को पूरी तरह बदल दिया है।
महाराष्ट्र की तस्वीर अब बदल चुकी है। तेजी से हो रहे विकास कार्यों ने महाराष्ट्र को विकासशील राज्य में तब्दील कर दिया है। डिजिटल और स्मार्ट इंफ्रास्ट्रक्चर - 21वीं सदी में आईटी पार्क, डिजिटल नेटवर्क, और स्मार्ट सिटी परियोजनाएं शुरू हुईं, जिससे महाराष्ट्र देश के आईटी और डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर में अग्रणी बन गया है। ऊर्जा भंडारण और ग्रीन एनर्जी में 2025 में राज्य ने पंप्ड स्टोरेज हाइड्रोइलेक्ट्रिक प्रोजेक्ट्स के लिए नई नीति लागू की है, जिससे 55,970 मेगावाट बिजली उत्पादन और 2.95 लाख करोड़ रुपये का निवेश आकर्षित होगा।
जहां महाराष्ट्र पहले सिर्फ छोटे व्यापारों और कृषि पर निर्भर था। आज वहीं महाराष्ट्र देश की आर्थिक राजधानी (मुंबई) और औद्योगिक, आईटी, फिल्म, शिक्षा, स्वास्थ्य, और सेवा क्षेत्रों का बड़ा केंद्र बन चुका है। साथ ही बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज शेयर बाजार में भी मुंबई में निवेश के तौर पर बड़ी सफलता हासिल की है।