संगठन सृजन अभियान के दौरान राहुल गांधी (फोटो- सोशल मीडिया)
Madhya Pradesh Congress News: मध्य प्रदेश कांग्रेस में अंदरूनी कलह एक बार फिर सामने निकलकर आ गई है। हाल ही में मध्यप्रदेश में घोषित हुए 71 जिला अध्यक्षों की सूची को लेकर मचा घमासान अब दिल्ली दरबार के लिए भी नाराजगी बन गया है। कांग्रेस पार्टी के शीर्ष नेता और नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने नियुक्तियों को लेकर मिली शिकायतों पर गहरी नाराजगी जताई है। उन्होंने साफ कहा कि जिला अध्यक्षों के चयन में सबसे ज्यादा शिकायतें मध्य प्रदेश से आई हैं, और ऐसी गलतियां दूसरे राज्यों में दोहराई नहीं जानी चाहिए, इससे प्रदेश कांग्रेस में हड़कंप मच गया है।
राहुल गांधी ने यह नाराजगी सोमवार को दिल्ली में कांग्रेस मुख्यालय में हुई एक बैठक में जाहिर की। वह ‘संगठन सृजन अभियान’ के तहत अन्य राज्यों के पर्यवेक्षकों को संबोधित कर रहे थे। गौरतलब है कि मध्य प्रदेश में 16 अगस्त को 71 संगठनात्मक जिलों के अध्यक्षों की सूची जारी की गई थी। इस सूची के आते ही भोपाल से लेकर दिल्ली तक कई जिलों के कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया था। इन्हीं शिकायतों का संज्ञान लेते हुए राहुल गांधी ने अपनी नाखुशी व्यक्त की है, जिससे प्रदेश नेतृत्व पर सवाल खड़े हो गए हैं।
मध्यप्रदेश में विरोध का मुख्य कारण दूसरे जिलों के नेताओं को अध्यक्ष बनाना और ‘एक व्यक्ति, एक पद’ के सिद्धांत का पालन न करना है। उदाहरण के लिए, आगर के पूर्व विधायक विपिन वानखेड़े को इंदौर ग्रामीण का अध्यक्ष बनाए जाने पर स्थानीय कार्यकर्ताओं ने दिल्ली तक प्रदर्शन किया। इसी तरह, गुना की रहने वाली प्रतिभा रघुवंशी को खंडवा शहर का अध्यक्ष बनाने पर भी कार्यकर्ता नाराज हैं।
वहीं मध्यप्रदेश के सतना में विधायक सिद्धार्थ कुशवाह को ग्रामीण अध्यक्ष बना दिया गया, जबकि वह पहले से ही कई अन्य पदों पर हैं, जिसे लेकर कार्यकर्ता सवाल उठा रहे हैं। भोपाल में भी अध्यक्ष को रिपीट किए जाने पर पूर्व शहर अध्यक्ष प्रदीप मोनू सक्सेना ने डेढ़ करोड़ की कार गिफ्ट करने जैसा गंभीर आरोप लगाते हुए राहुल गांधी को खून से खत तक लिखा था।
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राहुल गांधी की नाराजगी के बाद प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी डैमेज कंट्रोल मोड में आ गए हैं। उन्होंने राहुल की चिंता को जायज ठहराते हुए कहा, “राहुल जी ने बिलकुल ठीक कहा है। जब कोई नया सिस्टम बनता है तो कुछ कमी रह जाती है, जिन्हें सुधार की तरह देखना चाहिए।” पटवारी ने कार्यकर्ताओं को शांत करने की कोशिश करते हुए एक बड़ा ऐलान किया। उन्होंने कहा कि हर 6 महीने में प्रदेश अध्यक्ष से लेकर जिला अध्यक्ष तक, हर पद पर बैठे व्यक्ति के काम का आकलन किया जाएगा। यदि कोई पदाधिकारी पार्टी द्वारा दिए गए टारगेट को पूरा नहीं कर रहा है, तो पार्टी में काम करने वालों की जरूरत के हिसाब से बदलाव किया जाएगा।