ब्यावरा में 35 साल पहले मां का कर चुके थे पिंडदान एक कॉल और घर पहुंचने पर खुश परिवार (फोटो सोर्स - सोशल मीडिया)
भोपाल: मध्यप्रदेश के राजगढ़ जिले के ब्यावरा की रहने वाली गीता सेन की घर वापसी किसी चमत्कार से कम नहीं है। जिस महिला की तस्वीर पर हर साल श्राद्ध पक्ष में माला चढ़ाई जाती थी, वो अब खुद घर लौट आई हैं और परिवार के हर सदस्य की आंखें नम हैं लेकिन दिल मुस्कुरा रहा है। 35 साल पहले जो महिला अचानक लापता हो गई थी, जिसे मृत मानकर प्रयागराज में पिंडदान तक कर दिया गया था, वह जिंदा निकली और नागपुर से आए एक फोन कॉल ने पूरे परिवार की किस्मत बदल दी।
नागपुर के मानसिक चिकित्सालय में भर्ती गीता सेन की पहचान करना आसान नहीं था। महीने की कोशिशों के बाद उनका पता चल सका। महिला अपनी पहचान और पते की जानकारी नहीं दे पा रही थीं, इसलिए अस्पताल की समाजसेवी टीम ने बायोमेट्रिक से लेकर गांव-गांव तक संपर्क किया। अंततः जब ब्यावरा से जुड़ा सुराग मिला, तो पुलिस की मदद से परिवार तक पहुंचकर उन्हें सुरक्षित उनके अपनों को सौंप दिया गया।
अचानक गायब हुई और मृत मान ली गई महिला की वापसी
करीब 35 साल पहले गीता सेन अपने मायके कालापीपल गई थीं, जहां से अचानक गायब हो गईं। मानसिक स्थिति ठीक न होने की वजह से उनका कोई सुराग नहीं लग पाया। परिवार ने उन्हें हर जगह खोजा लेकिन निराशा हाथ लगी। समय बीतता गया और 5 साल पहले उन्हें मृत मानकर प्रयागराज में पिंडदान कर दिया गया। हर साल उनकी तस्वीर पर श्राद्ध होता रहा। लेकिन हाल ही में नागपुर से आए एक फोन कॉल ने सब कुछ बदल दिया।
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फोन कॉल से लौट आई उम्मीद और जिंदगी
नागपुर के एक मानसिक चिकित्सालय में जब महिला को कोर्ट के आदेश से भर्ती कराया गया, तो उनके परिवार का पता नहीं चल पाया। 19 महीने तक हर संभव कोशिश की गई, लेकिन जब कोई जानकारी नहीं मिली, तब भी अस्पताल प्रशासन ने हार नहीं मानी।
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अंत में ब्यावरा की जानकारी सामने आने पर राजगढ़ पुलिस से संपर्क हुआ और फिर परिवार तक पहुंच बना। घर लौटने पर गीता सेन का भव्य स्वागत हुआ और पूरे मोहल्ले में जश्न का माहौल बन गया।