अनिल देशमुख (सौजन्य-सोशल मीडिया)
Nagpur News: 11 महीने पहले विधानसभा चुनाव के दौरान मेरी कार पर हुए पथराव को राजनीतिक रंग देने की कोशिश की गई थी। हमला होते ही देवेंद्र फडणवीस ने कहा था कि यह ‘सलीम जावेद’ की कहानी है; साथ ही राजनीतिक दबाव में नागपुर ग्रामीण पुलिस अधीक्षक ने जांच पूरी होने और विशेषज्ञों की कोई भी फोरेंसिक रिपोर्ट आने से पहले ही घटना को झूठा बताने की कोशिश की।
इसी वजह से मुझ पर हुए पथराव को शुरू से ही राजनीतिक रंग देने की कोशिश की गई। यह बातें पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख ने कहीं। चुनाव के दौरान मुझ पर और मेरी कार पर पथराव किया गया था और जैसा कि हम जानते हैं, उस पथराव के दौरान कार की खिड़की पर पत्थर फेंके गए थे और खिड़की टूट गई थी जिससे मुझे चोटें आई थीं। अब विशेषज्ञ की हालिया फोरेंसिक रिपोर्ट में कहा गया है कि 2 लोगों ने अनिल देशमुख की कार पर पथराव किया था।
एक ने कार के आगे के शीशे पर बड़ा पत्थर मारा और दूसरे ने पीछे के शीशे पर जहां मैं बैठा था, पत्थर मारा जिससे शीशा टूट गया और मेरे माथे पर चोट आई लेकिन पुलिस अधीक्षक ने विशेषज्ञ की फोरेंसिक रिपोर्ट न होने के बावजूद अगले दिन मतदान होने के कारण राजनीतिक दबाव के कारण जल्दबाजी में प्रेस-कॉन्फ्रेंस की ताकि इसका असर अगले दिन के मतदान पर पड़े। अनिल देशमुख ने बताया कि वे इसके लिए कानूनी लड़ाई लड़ेंगे।
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पिछले 1 दशक से आपराधिक गतिविधियों में सक्रिय अपराधी रामबाग निवासी पलाश उर्फ गन्नी प्रकाश वासनिक (31) पर सीपी रवींद्र कुमार सिंगल ने एमपीडीए लगा दिया। उसके खिलाफ इमामवाड़ा, अजनी, हुड़केश्वर और ग्रामीण के सावनेर थाने मे हत्या का प्रयास, लूटपाट, लूटपाट करते समय लोगों को नुकसान पहुंचाने, फिरौती वसूली, दंगा, डकैती की तैयारी, मारपीट और चोरी सहित दर्जनों मामले दर्ज हैं।
अजनी और इमामवाड़ा पुलिस ने उस पर कई बार प्रतिबंधक कार्रवाई की। वर्ष 2016, 2017 और 2019 में भी उसके खिलाफ एमपीडीए लगाया गया था। कुछ समय तक अपराध से दूर रहने के बाद वह दोबारा सक्रिय हो गया। उस पर लगाम कसने के लिए इमामवाड़ा पुलिस ने क्राइम ब्रांच के मार्फत एमपीडीए का प्रस्ताव सीपी को भेजा। सीपी ने उसे 1 वर्ष के लिए धुलै जिला जेल में स्थानबद्ध करने का आदेश दिया।