कोल्ड्रिफ और नेक्स्ट्रो-डीएस सिरप एमपी में बैन (फोटो- सोशल मीडिया)
Cough Syrup Ban in MP: मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा में 9 बच्चों की किडनी फेल होने से हुई दर्दनाक मौत ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। इन सभी बच्चों को स्थानीय डॉक्टर की सलाह पर कोल्ड्रिफ और नेक्स्ट्रो-डीएस नाम का कफ सिरप दिया गया था, जिसके बाद उनकी तबीयत बिगड़ गई। इस हृदय विदारक घटना के बाद हड़कंप मच गया है और मामले की जांच के लिए तीन अलग-अलग टीमें काम कर रही हैं। यह घटना हर उस माता-पिता के लिए एक चेतावनी है जो बिना सोचे-समझे अपने बच्चों को दवा देते हैं।
इस मामले की गंभीरता को देखते हुए तमिलनाडु के बाद अब मध्य प्रदेश सरकार ने भी तत्काल प्रभाव से कोल्ड्रिफ और नेक्स्ट्रो-डीएस सिरप पर प्रतिबंध लगा दिया है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सोशल मीडिया पर जानकारी देते हुए कहा कि इस सिरप को बनाने वाली कंपनी के सभी उत्पादों की बिक्री पर भी पूरे प्रदेश में रोक लगा दी गई है। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने तमिलनाडु सरकार से जांच के लिए कहा था, जिसकी रिपोर्ट मिलने के बाद यह कठोर कदम उठाया गया है।
छिंदवाड़ा में Coldrif सिरप के कारण हुई बच्चों की मृत्यु अत्यंत दुखद है। इस सिरप की बिक्री को पूरे मध्यप्रदेश में बैन कर दिया है। सिरप को बनाने वाली कंपनी के अन्य प्रोडक्ट की बिक्री पर भी बैन लगाया जा रहा है। सिरप बनाने वाली फैक्ट्री कांचीपुरम में है, इसलिए घटना के संज्ञान में… — Dr Mohan Yadav (@DrMohanYadav51) October 4, 2025
इस मामले में सबसे चौंकाने वाली बात यह सामने आई है कि स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय (DGHS) ने दिसंबर 2023 में ही सभी राज्यों को पत्र लिखकर चेतावनी दी थी। इस चेतावनी में साफ कहा गया था कि इस फॉर्मूले की दवा चार साल से कम उम्र के बच्चों को नहीं दी जानी चाहिए। इसके बावजूद छिंदवाड़ा में डॉक्टरों ने इस सलाह को नजरअंदाज किया। जिन 9 मासूमों की मौत हुई, उनमें से 7 बच्चों की उम्र चार साल से भी कम थी, जबकि दो बच्चे पांच साल के थे। यह एक बड़ी लापरवाही की ओर इशारा करता है।
यह भी पढ़ें: मोहम्मद-महादेव ध्यान भटकाने के लिए, ‘I Love Mahadev’ पर भड़के शंकराचार्य, पूजा के विषय में लव नहीं
बच्चों की मौत का असली कारण क्या है, यह जानने के लिए केंद्र से लेकर राज्य स्तर तक की कई टीमें जांच में जुटी हैं। दिल्ली से CDSCO की टीम मैन्युफैक्चरिंग की जांच कर रही है, वहीं राज्य ड्रग कंट्रोलर की एक अलग टीम भी काम कर रही है जो 7 दिनों में अपनी रिपोर्ट सौंपेगी। शुरुआती जांच में कुछ सैंपलों में डाईएथिलीन ग्लाइकॉल (डीईजी) जैसे खतरनाक केमिकल नहीं मिले हैं, लेकिन जिन दो मुख्य सिरप (कोल्ड्रिफ और नेक्सा-डीएस) पर शक है, उनकी फाइनल रिपोर्ट आना अभी बाकी है। अधिकारी इस रिपोर्ट का इंतजार कर रहे हैं ताकि मौत की असली वजह सामने आ सके।