इंदौर की एक जनसभा में भाजपा नेता कैलाश विजयवर्गीय (फोटो- सोशल मीडिया)
इंदौर: महिलाओं को लेकर दिए गए बयानों से पहले भी चर्चा में रह चुके वरिष्ठ भाजपा नेता एक बार फिर सुर्खियों में हैं। इंदौर की एक जनसभा में उन्होंने कहा कि उन्हें छोटे कपड़े पहनने वाली लड़कियां बिल्कुल पसंद नहीं आतीं। उनका मानना है कि भारतीय संस्कृति में महिला को देवी का स्वरूप माना जाता है और उन्हें उसी गरिमा के साथ रहना चाहिए। इस बयान के बाद एक बार फिर उनकी टिप्पणी पर सोशल मीडिया से लेकर राजनीतिक गलियारों तक बहस तेज हो गई है। इससे पहले भी वह अपने ऐसे बयानों के चलते विवादों में रहे हैं।
इस बयान में उन्होंने पश्चिमी संस्कृति का हवाला देते हुए कहा कि वहां कम कपड़ों को सुंदरता का प्रतीक माना जाता है, लेकिन वह इस सोच से सहमत नहीं हैं। उन्होंने कहा कि भारत में सुंदरता अच्छे वस्त्र, गहनों और सलीके में दिखाई देती है। उन्होंने यह भी कहा कि जब लड़कियां उनके साथ फोटो खिंचवाने आती हैं, तो वह उन्हें सलाह देते हैं कि अगली बार अच्छे कपड़े पहनकर आना।
महिला को बताया देवी का रूप
अपने संबोधन में उन्होंने बार-बार यह दोहराया कि महिला देवी का रूप होती है और उसका वस्त्र-विन्यास भी उसी अनुरूप होना चाहिए। उन्होंने छोटे कपड़ों की तुलना छोटे भाषणों से करते हुए कहा कि पश्चिमी सोच उन्हें आकर्षक नहीं लगती।
पहले भी दे चुके हैं विवादित बयान
यह पहली बार नहीं है जब उन्होंने कपड़ों को लेकर टिप्पणी की हो। इससे पहले 2022 में भी एक कार्यक्रम में उन्होंने कुछ महिलाओं की तुलना शूपर्णखा से करते हुए कहा था कि आजकल की महिलाएं देवी की तरह नहीं, बल्कि गंदे कपड़ों में नजर आती हैं। ऐसे बयानों के चलते वह पहले भी निशाने पर रह चुके हैं। माजरा पूरा ये है कि कैलाश विजयवर्गीय इससे पहले भी महिलाओं पर अपनी टिप्पणियों को लेकर चर्चाओं में रहे हैं. कपड़ों को लेकर वे महिलाओं को ‘शूर्पणखा’ भी कह चुके हैं. साल 2022 में इंदौर में ही हनुमान जन्मोत्सव पर एक कार्यक्रम के दौरान विजयवर्गीय ने कहा था कि मैं हनुमान जन्मोत्सव पर झूठ नहीं बोलूंगा. हम महिलाओं को देवी मानते हैं, लेकिन आजकल महिलाएं ऐसे गंदे कपड़े पहनती हैं कि देवी जैसी नहीं लगतीं।