
IAS संतोष वर्मा के काले कांड (फोटो- सोशल मीडिया)
IAS Santosh Verma Controversy: मध्य प्रदेश में अफसरों की कुर्सी पर बैठे कुछ चेहरों के पीछे की सच्चाई अक्सर चौंकाने वाली होती है। हाल ही में अजाक्स के नवनियुक्त अध्यक्ष और आईएएस अधिकारी संतोष वर्मा अपने एक बयान को लेकर इस समय सुर्खियों में हैं। उन्होंने भरे मंच से कह दिया कि आरक्षण तब तक चाहिए जब तक कोई ब्राह्मण अपनी बेटी उनके बेटे को नहीं दे देता। इस बयान पर बवाल मचा तो माफी मांग ली, लेकिन इस विवाद ने उनकी पुरानी फाइलों पर जमी धूल झाड़ दी है। ‘ब्राह्मण बहू’ की चाह रखने वाले इस अफसर का दामन कितना दागदार रहा है और प्रमोशन पाने के लिए ये जेल की हवा भी खा चुके हैं।
भोपाल में आयोजित अजाक्स के प्रांतीय अधिवेशन में संतोष वर्मा ने कहा था कि जब तक रोटी-बेटी का व्यवहार शुरू नहीं होगा, आरक्षण की जरूरत रहेगी। इस दौरान उन्होंने ब्राह्मण समाज की बेटी से संबंध और कन्यादान की बात कही, जिसे अखिल भारतीय ब्राह्मण समाज ने अमर्यादित बताते हुए कड़ा विरोध दर्ज कराया। मामला बढ़ता देख संतोष वर्मा ने एक न्यूज चैनल से बातचीत में सफाई दी और इस पर खेद जताया। उन्होंने कहा कि उनका मकसद किसी को ठेस पहुंचाना नहीं था, वह सिर्फ सामाजिक समरसता की बात कर रहे थे। लेकिन जनता अब उनका वो काला चिट्ठा खंगाल कर सोशल मीडिया पर याद कर रही है, जिससे कभी वे सलाखों के पीछे सुगंध भी सूंघ आए है।
संतोष वर्मा का विवादों से चोली-दामन का साथ रहा है। राज्य सेवा से आईएएस बनने की उनकी ललक ने उन्हें अपराधी बना दिया था। साल 2021 में प्रमोशन पाने के लिए उन्होंने इंदौर कोर्ट में दो जाली दस्तावेज पेश किए थे। एक में खुद के बरी होने और दूसरे में समझौते की झूठी कहानी रची गई थी। हद तो तब हो गई जब उन्होंने इसके लिए विशेष न्यायाधीश विजेंद्र रावत के नाम का इस्तेमाल किया। जज ने खुद शिकायत की कि जिस तारीख का आदेश बताया जा रहा है, उस दिन वे छुट्टी पर थे। इस फर्जीवाड़े का खुलासा होते ही 27 जून 2021 को पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार किया और उन्हें महीनों जेल में रहना पड़ा।
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सिर्फ सरकारी दस्तावेजों में ही नहीं, बल्कि निजी जिंदगी में भी उन पर गंभीर आरोप लगे हैं। 2016 में इंदौर के लसूड़िया थाने में एक महिला ने उनके खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी। आरोप था कि संतोष वर्मा ने शादीशुदा होने की बात छिपाकर शादी का झांसा दिया और लिव-इन में रखकर शोषण किया। महिला ने उन पर मारपीट, गाली-गलौज और जान से मारने की धमकी देने के आरोप भी लगाए थे। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे दावों के मुताबिक, इसी केस को दबाने के लिए उन्होंने फर्जी दस्तावेज रचे थे। फिलहाल पुलिस कोर्ट में चालान पेश कर चुकी है और मामला विचाराधीन है।






