चैत्र नवरात्रि 2024 (सोशल मीडिया)
नवरात्रि में क्यों नहीं खाते लहसुन-प्याज से बना खाना, जानिए इसके पीछे की धार्मिक मान्यता
नवभारत लाइफस्टाइल डेस्क: जैसा कि, चैत्र नवरात्रि (Chaitra Navratri 2024) की शुरुआत 9 अप्रैल 2024 से होने वाली है वहीं पर इस दिन माता दुर्गा के 9 रूपों की पूजा नौ दिनों में की जाएगी। इसके साथ ही चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से नौ दिन यानी 17 अप्रैल को राम नवमी तक माता की भक्ति में भक्त रमे रहेंगे। इसे लेकर ही माता की पूजा में व्रत के दौरान फलाहार का सेवन किया जाता है। क्या आपको पता है नवरात्र के नौ दिनों में लहसुन-प्याज का बना खाना क्यों नहीं खाया जाता है।
क्यों नहीं खाते लहसुन-प्याज
यहां पर हिंदू पुराणों के अनुसार पूजा-पाठ या किसी भी व्रत के दौरान लहसुन प्याज के प्रयोग से बने भोजन को नहीं खाया जाता है। इसे लेकर कहते है कि, लहसुन-प्याज तामसिक प्रवृति के होते है जो अशुद्ध श्रेणी में आते है। इतना भी माना जाता है कि, कोई भी पूजा-पाठ, व्रत तभी फलित होता है जब व्यक्ति का इंद्रियो पर काबू हो, मन शुद्ध हो वहीं पर प्याज और लहसुन का संबंध पाप ग्रह राहु-केतु से माना गया है। इससे अज्ञानता और वासना को बढ़ावा मिलता है।
ये है पौराणिक कथा
इसे लेकर लहसुन और प्याज को न खाने को लेकर एक पौराणिक कथा सामने आती है जब समुद्र मंथन हुआ स्वरभानु नाम का दैत्य देवताओं के बीच बैठकर छल से अमृत पी लिया था, ये बात जब मोहिनी रूप धारण किए भगवान विष्णु को पता चली, तो उन्होंने अपने चक्र से स्वरभानु का सिर धड़ से अलग कर दिया।सिर कटते ही अमृत की कुछ बूंदें उस राक्षस के मुंह से रक्त के साथ नीचे जमीन में गिरीं, जिनसे प्याज और लहसुन की उत्पत्ति हुई।
रोगों को दूर करते है लहसुन-प्याज
वैसे तो, स्वास्थ्य के नजरिए से लहसुन-प्याज सभी बड़े रोगों को दूर करने का काम करते है लेकिन इसमें राक्षसी रक्त का मिश्रण होने के कारण राक्षसी गुणों का समावेश भी है इसलिए इसे अपवित्र माना गया है. इसके सेवन से क्रोध, हिंसा, पाप में वृद्धि होती है।