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आज है ‘दत्तात्रेय जयंती’, जानिए किनके पुत्र हैं दत्तात्रेय और किन्हें मानते हैं वे अपना गुरू

भगवान दत्तात्रेय की आराधना से ही गुरु गोरखनाथ को आसन, प्राणायम, मुद्रा और समाधि-चतुरंग योग का ज्ञान प्राप्त हुआ।

  • By navabharat
Updated On: Dec 01, 2025 | 12:51 PM

भगवान दत्तात्रेय जयंती

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-सीमा कुमारी

इस साल ‘दत्तात्रेय जयंती’ (Dattatreya Jayanti) आज यानी 7 दिसंबर यानी आज बुधवार को मनाई जाएगी। यह जयंती हर साल मार्गशीर्ष यानी अगहन माह में शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को मनाई जाती है। ये त्योहार खासतौर पर महाराष्ट्र में मनाया जाता है। भगवान दत्तात्रेय को तीनों देवों का अवतार माना जाता है।

कहा जाता है कि ब्रह्मा, विष्णु, महेश तीनों देवों की शक्तियां भगवान दत्तात्रेय में समाहित हैं। उनकी छः भुजाएं और तीन मुख हैं। इनके पिता ऋषि अत्रि और माता अनुसूया हैं। मान्यता है कि दत्तात्रेय भक्तों के स्मरण मात्र से उनकी सहायता के लिए उपस्थित होते हैं। भगवान दत्तात्रेय की जयंती पर मंदिरों में विशेष रूप से पूजा-अर्चना की जाती है। ऐसे में आइए जानें भगवान दत्तात्रेय के बारे में विशेष बातें

भगवान दत्तात्रेय से जुड़ी विशेष बातें

श्रीमद्भागवत के अनुसार भगवान दत्तात्रेय का जन्म महर्षि अत्रि और माता अनुसूया के यहां हुआ था। दत्तात्रेय में तीनों देवों के रूप एवं गुरु दोनों ही समाहित हैं जिस कारण इन्हें श्री गुरुदेवदत्त और परब्रह्ममूर्ति सद्घुरु भी कहा जाता है। दत्तात्रेय के तीन सिर हैं, जो सत, रज, तम का प्रतीक हैं। इनके छह हाथ यम, नियंत्रण, नियम, समानता, शक्ति और दया का प्रतिनिधित्व करते हैं।

भगवान दत्तात्रेय में शैव, वैष्णव और शाक्त, तंत्र, नाथ, दशनामी और इनसे जुड़े कई संप्रदाय का समावेश है। इनके प्रमुख तीन शिष्य दो यौद्धा जाति और एक असुर जाति से था। ये भगवान परशुराम के गुरू माने जाते हैं।

शिव के ज्येष्ठ पुत्र भगवान कार्तिकेय को दत्तात्रेय ने विद्याएं प्रदान की हैं। भक्त प्रह्लाद को शिक्षा-दीक्षा देकर श्रेष्ठ राजा बनाने का श्रेय भी भगवान दत्तात्रेय को जाता है। नागार्जुन को रसायन विद्या भी इन्हीं से प्रदान की है।

भगवान दत्तात्रेय की आराधना से ही गुरु गोरखनाथ को आसन, प्राणायम, मुद्रा और समाधि-चतुरंग योग का ज्ञान प्राप्त हुआ।

श्रीमद्भागवत के अनुसार, दत्तात्रेय ने 24 पदार्थों से अनेक शिक्षाएं ग्रहण की, जिन्हें वे अपना गुरू मानते थे। वे 24 पदार्थ हैं- पृथ्वी, वायु, आकाश, जल, अग्नि, चंद्रमा, सूर्य, कबूतर, अजगर, सागर, पतंग, मधुकर (भौंरा), हाथी, मधुहारी (मधुमक्खी), हिरन, मछली, वेश्या, गिद्ध, बालक, कुमारी कन्या, बाण बनाने वाला, सांप, मकड़ी और तितली ।

Today is dattatreya jayanti know whose son is dattatreya and whom he considers his teacher

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Published On: Dec 07, 2022 | 06:45 AM

Topics:  

  • Dattatreya Jayanti

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