पिता-पुत्र रिश्ते को बनाएं मजबूत (सोशल मीडिया)
अगर पिता और बेटे के रिश्ते की जाए तो, पिता और बेटे का रिश्ता बेहद अनमोल होता है। इस बारे में हमे ज्यादा बताने की जरूरत नहीं। क्योंकि, अगर आप पिता हैं या पुत्र हैं तो इसका अनुभव आपने खुद किया होगा। लेकिन, आजकल की लाइफ और लाइफस्टाइल में तेजी से बदलाव हो रहा है।
जिसके कारण पिता-पुत्र के रिश्ते बिगड़ने की संभावना बढ़ गई है। एक उपाय यह है कि आप कोशिश करके देखें। क्योंकि, कई बार लोग कोशिश नहीं करते और रिश्ते बिगड़ते चले जाते हैं। ऐसे में आज यहां हम आपको कुछ ऐसे उपायों के बारे में बताएंगे जिसकी मदद से पिता-पुत्र के रिश्ते में सुधार होगा।
1- जानकारों के अनुसार, इस बात का खास ख्याल रखना जरूरी है कि आप अपने पिता के साथ अगर किसी बात की चर्चा कर रहे हैं या फिर लड़ाई की स्थिति बन रही है, तो अपने शब्दों को अपमानजनक (Disrespectful) न बनाएं।
2- कई बार व्यक्ति जाने-अनजाने ऐसी बहुत सी बातें कह देता है, जो लड़ाई का कारण तो बनती ही है। साथ ही, लड़ाई के बाद भी इन बातों को वापस नहीं लिया जा सकता और उम्र भर यही बातें मन को ठेस पहुंचाती हैं। इसलिए ऐसी गलती भूल कर भी न करें।
3- पिता और पुत्र अगर अपने रिश्ते को सुधारना चाहते हैं तो उन्हें ये रूल बना लेना चाहिए कि उनके बीच कितना भी मतभेद क्यों न हो, वह एक दूसरे से बातचीत करना बंद नहीं करेंगे। जब गुस्सा शांत हो जाए तो ठंडे दिमाग से बातचीत करें।
4-जब भी पिता की किसी बात पर आपको गुस्सा आने लगे तो उन्हें उल्टा जवाब देने के बजाय कोशिश करें कि, आप किसी और काम में रम जाएं या घर से कुछ देर बाहर टहलने निकलें। इससे आपका गुस्सा शांत होगा और अगर पिता कुछ कह भी रहे हैं तो उस बात से आपको गुस्सा आना रुकेगा।
5- अगर आप इकलौती संतान हैं तो ठीक अन्यथा बड़ा होने के बाद जमीन जायदाद के बंटवारे को लेकर परिवार में झगड़ा होता है। इस बात को लेकर कई बार पिता के साथ बात बिगड़ जाती है। मगर जमीन जायदाद से ज्यादा जरूरी है संबंध बनाए रखना। इसलिए उनको कहें कि न ज्यादा चाहिए न कम, सबको बराबर हिस्सा दें। आप इस बात को जोर जबरदस्ती के साथ न कहें।
6- एक्सपर्ट्स कहते है, कई बार गुस्सा आने पर बेटे पिता से बात करने के बजाय अपने गुस्से (Anger) को खुद पर हावी होने देते हैं और चीखना-चिल्लाना करके झगड़ा बढ़ाते हैं। अगर आपको अपने पिता की किसी बात से तकलीफ होती है तो उन्हें समझाने की कोशिश करें और यह कहने के बजाय कि वे आपकी कभी नहीं सुनते या आपको समझ नहीं सकते उनसे सचमुच बात करें। आखिर पिता का दिल भी मोम सा ही होता है, वे बस बाहर से कड़क दिखाई देते हैं। लेखिका-सीमा कुमारी