जिद्दी बच्चों की परवरिश कैसे करें(सौ.सोशल मीडिया)
Positive Parenting Rules:आज के समय में माता-पिता के सामने सबसे बड़ी चुनौती बच्चों का जिद्दी और चिड़चिड़ा व्यवहार बनता जा रहा है। बदलता माहौल, स्क्रीन टाइम और भागदौड़ भरी जिंदगी बच्चों के स्वभाव को प्रभावित कर रही है। ऐसे में डांट-फटकार या सख्ती के बजाय Positive Parenting को अपनाना ज्यादा कारगर माना जाता है।
अगर आप चाहते हैं कि बच्चा अनुशासन में रहे और फिर भी आपके करीब बना रहे, तो एग्रेशन की जगह शांत लेकिन असरदार तरीकों को अपनाना जरूरी है। यहां कुछ ऐसे स्मार्ट तरीके बताए गए हैं, जिनसे आप अपने बच्चों को हंबल होने के साथ साथ डिसिप्लीन में रहना भी सिखा सकते हैं। आइए जानते हैं इनके बारे में
बच्चों को हंबल बनाने के लिए सबसे जरूरी है कि उनकी बातों को सुना जाए। जब बच्चा खुद को सुना हुआ महसूस करता है, तो वह जिद कम करता है और अपने विचार शांति से रखता है।
बच्चे वही सीखते हैं जो वे अपने माता-पिता को करते देखते हैं। अगर आप शांत, सम्मानजनक और धैर्यवान रहेंगे, तो बच्चा भी उसी व्यवहार को अपनाएगा।
बार-बार “मत करो” या “गलत है” कहने की बजाय सकारात्मक शब्दों का इस्तेमाल करें। इससे बच्चों में आत्मविश्वास बढ़ता है और वे बात समझने लगते हैं।
बच्चों को आजादी देना जरूरी है, लेकिन सीमाओं के साथ। स्पष्ट नियम बच्चों को सुरक्षित महसूस कराते हैं और उनका व्यवहार संतुलित रहता है।
गलती करने पर सजा देने के बजाय बच्चे को समझाएं कि वह कहां चूका। इससे बच्चा जिम्मेदारी लेना सीखता है और दोबारा वही गलती नहीं दोहराता।
बच्चों की तुलना दूसरों से करने पर उनमें जिद और नकारात्मकता बढ़ती है। हर बच्चे की क्षमता अलग होती है, इसे स्वीकार करना जरूरी है।
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दिन में कुछ समय सिर्फ बच्चे के साथ बिताएं। यह भावनात्मक जुड़ाव बच्चे को सुरक्षित और हंबल बनाता है।
Positive Parenting के ये सरल नियम अपनाकर जिद्दी बच्चों के व्यवहार में बड़ा बदलाव लाया जा सकता है। प्यार, धैर्य और समझदारी से की गई परवरिश ही बच्चों को संस्कारी और जिम्मेदार बनाती है।