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‘अन्नपूर्णा जयंती’ पर ‘इस’ मुहूर्त में करें पूजा, भरा रहेगा घर में धन-धान्य का भंडार

शास्त्रों के अनुसार, मां अन्नपूर्णा को सौभाग्य, अन्न और धन की देवी माना जाता है। इसलिए घर में सुख-समृद्धि बरकरार रखने के लिए मां अन्नपूर्णा की रोजाना पूजा करें।

  • By navabharat
Updated On: Dec 01, 2025 | 12:53 PM

PIC: Twitter

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-सीमा कुमारी

सुख-सौभाग्य, अन्न और धन की देवी मां ‘अन्नपूर्णा’ को समर्पित ‘अन्नपूर्णा जयंती’ (Annapurna Jayanti) इस वर्ष आज यानी 8 दिसंबर, गुरुवार के दिन है। पंचांग के अनुसार, मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को अन्नपूर्णा जयंती के रूप में मनाया जाता है।

इस दिन विधि विधान से मां अन्नपूर्णा की पूजा की जाती है। उनके आशीर्वाद से घर में कभी भी अन्न की कमी नहीं होती है। मां अन्नपूर्णा का वास घर के रसोईघर घर को माना जाता है। आइए जानें अन्नपूर्णा जयंती की तिथि, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि।

शुभ मुहूर्त

अन्नपूर्णा जयंती तिथि-

8 दिसंबर 2022, गुरुवार

पूर्णिमा तिथि प्रारंभ-

7 दिसंबर 2022 को सुबह 08 बजकर 1 मिनट

पूर्णिमा तिथि समाप्त-

8 दिसंबर 2022 को सुबह 09 बजकर 37 मिनट

अभिजीत मुहूर्त-

सुबह 11 बजकर 52 मिनट से दोपहर 12 बजकर 34 मिनट तक

साध्य योग-

सुबह 2 बजकर 54 मिनट से 9 दिसंबर सुबह 3 बजकर 12 मिनट तक।

अन्नपूर्णा जयंती पूजा मुहूर्त

शुभ-उत्तम मुहूर्त-

सुबह 07 बजे से लेकर सुबह 08 बजकर 22 मिनट तक

लाभ-उन्नति मुहूर्त-

दोपहर 12 बजकर 30 मिनट से 01 बजकर 53 मिनट तक

अमृत-सर्वोत्तम मुहूर्त-

दोपहर 1 बजकर 53 मिनट से दोपहर 3 बजकर 16 मिनट तक

पूजा विधि

मान्यताओं के मुताबिक, इस दिन गैस-चूल्हा के साथ पूरे किचन को ठीक ढंग से साफ कर लें। इसके बाद गंगाजल से शुद्ध कर लें। फिर चूल्हा में स्वास्तिक बनाएं। फिर सिंदूर, अक्षत, लाल रंग का फूल और भोग लगाएं। फिर धूप या आरती कर दें।

पूजा घर में मां अन्नपूर्णा की तस्वीर या मूर्ति एक चौकी में लाल रंग का वस्त्र बिछाकर स्थापित कर दें। इसके बाद मां को लाल रंग के फूल, सिंदूर, रोली, अक्षत आदि चढ़ा दें। इसके बाद मूंग की दाल के अलावा अन्य चीजों का भोग लगाएं। अंत में जल चढ़ाने के साथ घी का दीपक और धूप जलाएं। फिर मां अन्नपूर्णा के मंत्र, स्त्रोत आदि का पाठ करके विधिवत आरती कर लें और भूल चूक के लिए माफी मांग लें।

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, माता पार्वती ने सृष्टि में सभी जीवों के पोषण के लिए मां अन्नपूर्णा का स्वरूप धारण करके मार्गशीर्ष पूर्णिमा को प्रकट हुईं। जिस परिवार पर उनकी कृपा होती है। उसके घर के भंडार धन-धान्य से भरे रहते हैं। उनको कभी भी अन्न का संकट नहीं होता है। इस वजह से कहा जाता है कि कभी अन्न का अपमान नहीं करना चाहिए, अन्यथा मां अन्नपूर्णा नाराज हो जाती हैं।

धार्मिक महत्व

शास्त्रों के अनुसार, मां अन्नपूर्णा को सौभाग्य, अन्न और धन की देवी माना जाता है। इसलिए घर में सुख-समृद्धि बरकरार रखने के लिए मां अन्नपूर्णा की रोजाना पूजा करें। इसके साथ ही आर्थिक समस्याओं से छुटकारा पाने के लिए पूजा घर में मां अन्नपूर्णा की तस्वीर रखकर नियमित रूप से पूजा करना शुभ साबित होगा। माना जाता है कि मां की पूजा करने से सुख-समृद्धि के साथ यश-सम्मान की प्राप्ति होती है।

On annapurna jayanti worship in this muhurta the house will be full of wealth and grains

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Published On: Dec 08, 2022 | 07:00 AM

Topics:  

  • Annapurna Jayanti

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