अन्नपूर्णा जयंती (सौ.सोशल मीडिया)
Annapurna Jayanti Upay: 4 दिसंबर 2025 को मार्गशीर्ष महीने की पूर्णिमा के दिन अन्नपूर्णा जयंती मनाई जाएगी। यह जयंती अन्न व समृद्धि की देवी माँ अन्नपूर्णा देवी को समर्पित है। मां अन्नपूर्णा को अन्न और समृद्धि की देवी माना जाता है।
हिन्दू मान्यता के अनुसार, वह साक्षात देवी पार्वती का ही एक स्वरूप हैं, जिन्होंने पृथ्वी पर अन्न के संकट को दूर करने के लिए यह अवतार लिया था। अन्नपूर्णा जयंती हर साल मार्गशीर्ष महीने की पूर्णिमा तिथि को मनाई जाती है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, रसोई में मां अन्नपूर्णा का वास होता है।
इसलिए रसोई में साफ-सफाई का खास ध्यान करने की सलाह दी जाती है। ऐसा माना जाता है कि रसोई से जुड़े वास्तु के नियम का पालन न करने से व्यक्ति को मां अन्नपूर्णा की नाराजगी का सामना करना पड़ सकता है और अन्न की कमी हो सकती है।
वास्तु शास्त्र में बताया गया है कि रसोई में रात में जूठे बर्तन नहीं छोड़ने चाहिए। इस नियम का पालन न करने से बरकत रुक सकती है और मां अन्नपूर्णा नाराज हो सकती हैं, जिससे अन्न के भंडार खाली हो सकते हैं।
इसके अलावा, रात को रसोई को गंदा नहीं छोड़ना चाहिए। रात को खाना बनाने के बाद रसोई को साफ करें। वास्तु शास्त्र के अनुसार, रात में रसोई को गंदा छोड़ने से आर्थिक तंगी की समस्या बनी सकती है और नकारात्मक ऊर्जा का वास होगा। इसलिए सोने से पहले जूठे बर्तन को धोने के बाद रसोई की साफ-सफाई करें।
ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक, रात में जूठे बर्तन न धोने से परिवार के सदस्यों को राहु-केतु समेत कई ग्रहों के अशुभ का सामना करना पड़ सकता है। अगर आप किसी वजह से रात को जूठे बर्तन नहीं धो पा रहे हैं, तो जूठे बर्तनों को पानी से साफ करके जरूर रखें।
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रसोई घर में यदि नल है तो उससे गलती से भी पानी टपकना नहीं चाहिए। पानी का टपकना आपके धन पर बुरा असर डालता है। इसकी वजह से आप कंगाल हो सकते हैं। इसके साथ ही पानी के बर्तनों को भी हमेशा रसोई में ढककर रखें। ऐसा करने से पानी में अशुद्धियां भी नहीं जाती और साथ ही वास्तु दोष से भी आप बचते हैं।