हेलीकॉप्टर पेरेंटिंग (सौ.सोशल मीडिया)
बच्चों के भविष्य की चिंता सबसे ज्यादा अभिभावकों को होती हैं इसके लिए वे हमेशा बच्चे को अच्छी शिक्षा देने का प्रयास करते रहते है। अगर माता-पिता ने अपने बच्चे के लिए कुछ सपने संजोए हैं तो वह प्रयास में रहते हैं कि, जो वो चाहते हैं बच्चे भी वैसे ही करें या करियर बनाएं। इसके विपरीत बच्चे अपने करियर को लेकर स्वयं भी प्लान बना लेते हैं जो अक्सर माता-पिता के साथ सामंजस्य नहीं बन पाता है। कई बार बच्चे की गतिविधियों पर भी माता-पिता की निगाहें होती हैं इस तरह की पैरेंटिंग हेलीकॉप्टर पेरेंटिंग की कैटेगरी में आती है। इस स्थिति में बच्चा खुद को माता-पिता की इच्छाओं में बंधा हुआ पाता है, कैसे चलिए अच्छी तरह से समझते हैं इस हेलीकॉप्टर पैरेंटिंग
यहां पर हेलीकॉप्टर पेरेंटिंग की बात करें तो, माता-पिता अपने बच्चे को हमेशा से अच्छी परवरिश देने की चाहत रखते हैं ताकि उनके उनके बच्चे का जीवन सुधर जाएं। होता यह हैं कि, बच्चे की जिंदगी में उससे ज्यादा पैरेंट्स अपनी इच्छाएं थोपने लगते हैं औऱ कई बार जरूरत से ज्यादा दखलअंदाजी भी करते है। यह दखलअंदाजी बढ़ने की पैरेंटिंग को ही हेलीकॉप्टर पेरेंटिंग का नाम दिया है। इस पैरेंटिंग में बच्चे की भूमिका नाममात्र होती हैं और उसकी जिंदगी से जुड़े सारे फैसले माता-पिता ही लेते है। बाहरी दुनिया के फेर में बच्चे का भविष्य ना बिगड़ जाए इसके लिए वह जरूरत से ज्यादा ख्याल रखते है। इस पैरेंटिंग में बच्चे की भावनाओं को माता-पिता आसानी से समझ नहीं पाते है।
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यहां पर हेलीकॉप्टर पेरेंटिंग में बच्चा सबसे ज्यादा परेशान होता हैं उसे समझ नहीं आता है कि, वह खुद की सुनें या फिर माता-पिता की। इस पेरेंटिंग में कारण बच्चों में आत्मविश्वास की कमी हो जाती है और वह खुद से अपने निर्णय नहीं ले पाता है। यही नहीं किसी भी परेशानी में पड़ने पर वह उस समस्या का हल नहीं निकाल पाता है. इससे बच्चा अधिक तनाव और प्रेशर में जीता है।
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इस प्रकार हेलीकॉप्टर पेरेंटिंग से बच्चे को बचाने के लिए हर पेरेंट्स को बच्चों को स्वतंत्रता देना चाहिए और उनके खुद के निर्णय उन्हें खुद लेने देना चाहिए. इससे बच्चा काफी कुछ सीखता है और आत्मविश्वास से भरपूर बनता है। बच्चे की इच्छाओं को भी समझने का प्रयास माता-पिता को करना चाहिए। कहते हैं अगर बच्चे का भविष्य सुरक्षित रखना हैं तो इसमें बच्चे की खुशी पूरी हो ताकि वह खुद को आत्मविश्वासी मान सकें।