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सीमा कुमारी
नई दिल्ली: सनातन धर्म में रंगों का त्योहार ‘होली’ (Holi 2023) का विशेष महत्व है। हर साल फाल्गुन महीने की पूर्णिमा को रंगों का त्योहार ‘होली’ मनाई जाती है। होली (Holi) से आठ दिन पहले हर साल ‘होलाष्टक’ (Holashtak) लग जाता है।
मान्यता है कि ‘होलाष्टक’ के 8 दिनों में कोई भी शुभ कार्य नहीं किया जाता है। यदि कोई इन दिनों में शुभ कार्य करता है, तो उसे मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। इसलिए इस दौरान किसी भी तरह के शुभ और मंगल कार्य करने से बचना चाहिए। आइए जानें इस साल ‘होलाष्टक’ किस तारीख से हो रहा है आरंभ और इन 8 दिनों में कौन-कौन से काम नहीं करने चाहिए।
‘होलाष्टक’ फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि से प्रारंभ होता है और फाल्गुन पूर्णिमा को ‘होलिका दहन’ के साथ खत्म होता है। इस साल ‘होलाष्टक’ 28 फरवरी 2023 से शुरू हो रहा है। इसका समापन 7 मार्च 2023 को ‘होलिका दहन’ पर होगा। 8 मार्च 2023 को रंगवाली होली खेली जाएगी।
मान्यता के अनुसार, राजा हिरण्यकश्यप बेटे प्रहलाद को भगवान विष्णु की भक्ति से दूर करना चाहते थे। उन्होंने 8 दिन प्रहलाद को कठिन यातनाएं दी। इसके बाद आठवें दिन बहन होलिका के गोदी में प्रहलाद को बैठा कर जला दिया, लेकिन फिर भी भक्त प्रहलाद को कुछ नहीं हुआ। इन आठ दिनों में प्रहलाद के साथ जो हुआ, उसके कारण ‘होलाष्टक’ लगता है। वहीं, नई शादी हुई लड़कियों को ससुराल की पहली होली देखने की मनाही भी होती है।