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-सीमा कुमारी
रंगों का त्योहार ‘होली’ (Holi) इस साल 18 मार्च को मनाया जाएगा। ज्योतिष-शास्त्र के अनुसार, होली के ठीक 8 दिन पहले होलाष्टक शुरू हो जाता है जो होलिका दहन तक चलता है। मान्यताओं के मुताबिक, होलाष्टक के 8 दिनों तक विवाह, मुंडन, गृह प्रवेश, मकान-वाहन की खरीदारी आदि किसी भी शुभ कार्य की मनाही होती है। हालांकि ये आठ दिन पूजा पाठ के लिहाज से बेहद शुभ माने जाते है।
ऐसा माना जाता है कि, होलाष्टक के समय यानी होली से 8 दिनों पहले तक सभी ग्रहों का स्वभाव उग्र रहता है। शुभ कार्यों के लिए ग्रहों की ये स्थिति शुभ नहीं मानी जाती है। मान्यताओं के अनुसार, इस अवधि में किए गए शुभ कार्यों का पूरा पुण्य प्राप्त नहीं होता है। आइए जानें ‘होलाष्टक’ (Holashtak) कब से शुरु हो रहा है और उसका समापन कब होगा।
होलाष्टक 10 मार्च 2022, गुरुवार से लेकर 17 मार्च 2022, गुरुवार तक रहेगा। मान्यता है कि इस दौरान किसी भी शुभ कार्य को करना अपशकुन होता है। होलाष्टक से होली और होलिका दहन की तैयारी शुरु हो जाती है।
होलाष्टक के आठ दिनों को शुभ कार्य नहीं करने के पीछे पौराणिक कथा है जिसके मुताबिक, कामदेव द्वारा भगवान शिव की तपस्या भंग करने के कारण फाल्गुन शुक्ल अष्टमी तिथि पर क्रोध में आकर कामदेव को भस्म कर दिया था। अन्य कथा के अनुसार राजा हिरण्यकश्यप ने अपनी बहन होलिका के साथ मिलकर अपने पुत्र प्रह्लाद को भगवान विष्णु की भक्ति से दूर करने के लिए इन आठ दिनों में कठिन यातनाएं दी थीं। इसलिए होलाष्टक काल को विवाह, गृह प्रवेश, मुंडन समारोह आदि जैसे शुभ कार्यों को करने के लिए अशुभ माना जाता है।