जहरीला कफ सिरप मामला (AI Generated Photo)
Poisonous Cough Syrup Case: नागपुर सिटी के मेडिकल, एम्स और अन्य निजी अस्पतालों में कुल 21 बच्चों की मौत हुई जिनमें से मध्य प्रदेश में कफ सिरप प्रकरण के 15 और महाराष्ट्र में संदिग्ध इंसेफेलाइटिस से 6 बच्चों की मौत हुई है। मध्य प्रदेश के कफ सिरप मामले में कुल 36 बच्चों को शहर के विभिन्न अस्पतालों में भर्ती कराया गया था।
इनमें से 14 बच्चों की मौत हुई है। इसमें छिंदवाड़ा का 1 और सिवनी का 1 बच्चा शामिल है। 8 वर्षीय वेदांश पवार की मंगलवार को एक निजी अस्पताल में मौत हो गई। इससे हड़कंप मच गया है। सभी नमूने राष्ट्रीय प्रयोगशाला पुणे भेजे गए हैं और नमूने की रिपोर्ट का अभी इंतजार है। छिंदवाड़ा से पहला मरीज 1 सितंबर को नागपुर लाया गया था।
इसके बाद मरीजों की संख्या बढ़ती गई। बच्चों को तेज बुखार था और पेशाब करने में तकलीफ हो रही थी। मरने वालों की संख्या तुरंत बढ़ गई। इसके बाद राष्ट्रीय विषाणु प्रयोगशाला की एक टीम नागपुर पहुंची। मच्छरों, पानी और खून की जांच की गई। हालांकि रिपोर्ट में इंसेफेलाइटिस नहीं होने की बात सामने आई।
वर्तमान में सरकारी और निजी अस्पतालों में 0 से 16 वर्ष की आयु के 12 मरीजों का इलाज चल रहा है। इनमें से 10 मध्य प्रदेश, 1 महाराष्ट्र और 1 तेलंगाना से है। 4 मरीज अन्य निजी अस्पतालों में वेंटिलेटर पर हैं। 2 मरीज एम्स में, 1 मरीज न्यू हेल्थ सिटी अस्पताल में, 1 लता मंगेशकर अस्पताल, 1 गेटवेल अस्पताल में भर्ती है। मंगलवार को कलर्स अस्पताल में भर्ती एक बच्चे और एक की मेडिकल में मौत हो गई। इसके साथ ही कफ सिरप से मरने वाले बच्चों की संख्या 15 हो गई है। इनमें अकेले मेडिकल में 8 बच्चों की मौत हुई है।
कोल्ड्रिफ सिरप की वजह से किडनी संक्रमण से ग्रस्त छिंदवाड़ा के 7 और बैतूल के 2 सहित कुल 9 बच्चे नागपुर के विभिन्न अस्पतालों में उपचार ले रहे हैं। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इन बच्चों के इलाज का सम्पूर्ण व्यय राज्य शासन द्वारा वहन करने का निर्देश दिया है। इलाज की समुचित व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए कार्यपालिका दंडाधिकारी और डॉक्टर्स की संयुक्त टीम मंगलवार को नागपुर पहुंची।
विभिन्न अस्पतालों में भेंट दी गई। इस टीम द्वारा प्रभावित परिवारों और अस्पतालों के साथ सतत सम्पर्क में रहकर बच्चों के इलाज के लिए समुचित व्यवस्था की जा रही है। फिलहाल बीमारी और बच्चों की मौत के कारण मध्य प्रदेश में हड़कंप मचा हुआ है। वहीं दूसरी ओर महाराष्ट्र प्रशासन भी सक्रिय है। अब तक करीब 15 बच्चों की मौत की जानकारी है।
सबसे अधिक बच्चे मेडिकल में भर्ती होने की वजह से वैद्यकीय शिक्षा व अनुसंधान विभाग की टीम ने सोमवार को मेडिकल पहुंचकर जानकारी हासिल की। वहीं मंगलवार को मध्य प्रदेश सरकार ने छिंदवाड़ा के अधिकारियों व डॉक्टरों की टीम को नागपुर भेजा। टीम में डिप्टी कलेक्टर, 2 तहसीलदार सहित 3 डॉक्टरों का समावेश रहा। सबसे पहले टीम सदस्य मेडिकल पहुंचे।
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यहां भर्ती बच्चों की जानकारी ली और परिजनों से मिले। पश्चात कलर्स अस्पताल, गेटवेल, न्यू हेल्थ सिटी और एम्स हॉस्पिटल भी पहुंचे। टीम में शामिल डॉक्टरों ने बताया कि अब स्थिति काबू में है। सभी जगह भर्ती बच्चों की तबीयत फिलहाल ठीक है। टीम द्वारा स्थिति की जानकारी हासिल करने के बाद प्रशासन को अवगत कराया जाएगा।