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आज नाग पंचमी पर अष्टनागों की पूजा का होता है विधान, जानिए पूजन के लाभ और विधि

Ashthnaag Pujan: धार्मिक दृष्टि से नागपंचमी की पूजा करने का महत्व होता है। अगर आप नागपंचमी के मौके पर नाग देवता की पूजा करते है, कालसर्प दोष, सर्पभय और जीवन में आने वाली अज्ञात बाधाएं समाप्त होती हैं।

  • By दीपिका पाल
Updated On: Jul 29, 2025 | 02:17 PM

नाग पंचमी पर अष्टनागों की पूजा का महत्व (सौ.सोशल मीडिया)

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NagPanchami Ashthnaag Pujan: सावन महीने में त्योहारों की झड़ी लग गई है। जहां पर पहले सावन सोमवार के व्रत शुरू हुए थे अब आज देशभर में नाग पंचमी का त्योहार मनाया जा रहा है। इस दिन भगवान शिव के परम भक्त नागदेव की पूजा की जाती है। यह पर्व सावन मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन को सर्पों के प्रति उदारता और रक्षा करने की भावना के साथ मनाया जाता है। धार्मिक दृष्टि से नाग पंचमी की पूजा करने का महत्व होता है। अगर आप नाग पंचमी के मौके पर नाग देवता की पूजा करते है, कालसर्प दोष, सर्प भय और जीवन में आने वाली अज्ञात बाधाएं समाप्त होती हैं।

इस दिन नाग देवता को दूध से स्नान कराना, पूजा करना और दूध अर्पित करना के नियम होते है। नाग पंचमी के मौके पर आठ नागों की पूजा का महत्व होता है। चलिए जानते है इसके लाभ और पूजा विधि…

किन आठ नागों की पूजा का होता है विधान

कहते है, नाग पंचमी के मौके पर अष्टनागों की पूजा का महत्व होता है जानते हैं इनके नाम और कौन से देवता को समर्पित है सभी अष्टनाग..

1- अनन्त (Ananta)

सृष्टि के आरंभ से लेकर अंत तक अनंत शक्तिशाली नाग की उपस्थिति दर्ज की जाती है। इस नाग को भगवान विष्णु की शय्या भी कहा जाता है।

2-शेषनाग (Shesha)

अष्टनागों में से एक शेषनाग का नाता भगवान विष्णु से है। कहते हैं, भगवान विष्णु के सेवक और अनंत पृथ्वी को अपने फनों पर थामे हुए हैं।

3-वासुकी (Vasuki)

समुद्र मंथन के समय वासुकी नाग का उल्लेख मिलता है। वे भगवान शिव के गले में सुशोभित है। समुद्र मंथन के समय देवों और असुरों ने जिनके शरीर को मथनी की रस्सी बनाया था।

4-पद्म (Padma)

अष्ट नागों में से एक यह जल तत्व से जुड़े नाग माने जाते हैं और समृद्धि तथा शांति के प्रतीक हैं।

5-महापद्म (Mahapadma)

अष्ट नागों में से एक यह ये हिमालय क्षेत्र में वास करते हैं और हिमनदीय ऊर्जा के प्रतीक हैं.

6-तक्षक (Takshak)

अष्ट नागों में से एक इस नाग का नाम महाभारत काल से जुड़ा है। अर्जुन के वंशज राजा परीक्षित को दंश देने वाले। बहुत शक्तिशाली और प्रतिशोधी माने जाते हैं।

7-कार्कोटक (Karkotak)

ये नाग भगवान शिव के उपासक हैं और तपस्वी माने जाते हैं. इन्हें तांत्रिक शक्तियों का अधिपति भी कहा जाता है

8-कुलिक (Kulik)

न्यायप्रिय और धर्म की रक्षा करने वाले नाग के रुप में जानते है। कुछ ग्रंथों में इन्हें यमराज के दूत के रूप में भी वर्णित किया गया है।

ये भी पढ़ें– नाग पंचमी के दिन भूल से भी न करें लोहे की चीजों का इस्तेमाल, हो सकती है परेशानी

जानिए कैसे होती है नाग पंचमी पर अष्टनागों की पूजा

यहां पर नागपंचमी के मौके पर आप अष्टनागों की पूजा कर सकते है जो काफी आसान है…

इन आठों नागों के नाम लेकर दूध, अक्षत, कुश, चंदन, पुष्प, दूब घास अर्पित किए जाते हैं।यह पूजा दीवार पर नाग चित्र, मिट्टी के नाग या शिवलिंग पर दूध चढ़ाकर भी की जा सकती है।पूजन के समय “ॐ नमः सर्पेभ्यः” मंत्र का जाप किया जाता है। कहते है इस तरह से अष्टनागों की पूजा करने से लाभ मिलते है। कालसर्प दोष से मुक्ति, मानसिक व पारिवारिक शांति, सर्प भय या किसी घटना की आशंका खत्म होना। कुंडली के राहु-केतु दोष शांत होते है और संताना का भी सुख मिलता है।

The worship of ashtanaga is done today on nag panchami

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Published On: Jul 29, 2025 | 07:50 AM

Topics:  

  • Nag Panchami
  • Religion
  • Sawan Somwar

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