(फाइल फोटो)
Pune News In Hindi: आगामी पुणे मनपा चुनाव को लेकर प्रशासनिक तैयारियां तेज हो गई हैं। तैयारी तेज होते ही इच्छुक कार्यकर्ताओं और संभावित उम्मीदवारों में भी उत्सुकता बढ़ गई है और लंबे समय से चुप बैठे कार्यकर्ता अब सक्रिय हो रहे है।
इसी बीच चुनाव आयोग ने पुणे महानगरपालिका प्रशासन को मतदाता सूची सौंप दी है। यह सूची 1 जुलाई 2025 तक के मतदाताओं पर आधारित है। इसके बाद जो भी नए नाम जोड़े गए हैं, उन्हें इस बार के चुनाव में मतदान का अधिकार नहीं मिलेगा। राज्य चुनाव आयोग द्वारा तैयार की गई यह सूची ही आगामी चुनाव में अंतिम और मान्य मतदाता सूची होगी।
अब मनपा प्रशासन इसी सूची के आधार पर प्रभागवार मतदाता सूची तैयार कर रहा है। अतिरिक्त आयुक्त ओमप्रकाश दिवटे ने बताया कि ‘राज्य चुनाव आयोग द्वारा भेजी गई सूची में 1 जुलाई 2025 के बाद जोड़े गए नाम हटाए गए हैं। इसी सूची के अनुसार मतदान केंद्रों और प्रभागों का विभाजन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस बार की प्रक्रिया पिछले चुनावों से अलग होगी।
पहले के चुनावों में मनपा को जिलाधिकारी कार्यालय से मतदाता सूची लेकर प्रभाग और मतदान केंद्रवार विभाजन करना पड़ता था, लेकिन इस बार राज्य चुनाव आयोग ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि स्थानीय स्तर से सूची नहीं ली जाए। केवल आयोग द्वारा दी गई सूची ही अधिकृत और मान्य मानी जाएगी। मनपा प्रशासन ने चुनावी तैयारियों के तहत अपने अधिकारियों और कर्मचारियों को चुनावी प्रक्रिया का प्रशिक्षण देना शुरू कर दिया है। प्रशिक्षण कार्यक्रम चरणवद्ध रूप से जारी रहेगा ताकि मतदान की प्रक्रिया सुचारू रूप से संपन्न हो सके।
ये भी पढ़ें :- दीपावली यात्रा सीजन में Pune Airport पर विशेष इंतजाम, बढ़ाई गई सुरक्षा और स्टाफ
पुणे मनपा की सीमा में इस बार 32 नए गांवों को शामिल किया गया है। नई रचना के तहत शहर में 41 प्रभागों से कुल 165 नगरसेवक चुने जाएंगे। इनमें सबसे बड़ा प्रभाग क्रमांक 38 होगा जिसमें बालाजी नगर, कात्रज और आंबेगांव क्षेत्र शामिल हैं। इस प्रभाग की आबादी लगभग 1 लाख 23 हजार है। चुनाव को सुचारू रूप से संपन्न कराने के लिए प्रशासन ने मतदान केंद्रों की संख्या बढ़ाकर 5 हजार करने का निर्णय लिया है। इन केंद्रों पर आवश्यक सुविधाएं सुनिश्चित करने की प्रक्रिया भी शुरू हो चुकी है। मनपा चुनाव की अंतिम प्रभाग रचना घोषित हो चुकी है। अब सभी की निगाहें नगरसेवक पदों के लिए होने वाले आरक्षण लॉटरी टिकी हैं। पहले यह लॉटरी 10 या 15 अक्टूबर को होने की संभावना जताई जा रही थी, लेकिन अब यह दिवाली के बाद आयोजित की जा सकती है। सूत्रों के अनुसार, राज्य चुनाव आयोग ने अभी तक लॉटरी की आधिकारिक तारीख घोषित नहीं की है जिससे संभावित उम्मीदवारों में बेचैनी भी बढ़ रही है।