सुप्रिया सुले और देवेंद्र फडणवीस (सौजन्य-सोशल मीडिया)
Hindi Controversy : महाराष्ट्र में राज्य की स्कूलों में पहली कक्षा से हिंदी को तीसरी भाषा के रूप में लागू करने के मामले में माहौल गरमाया हुआ है। फिलहाल के लिए महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने त्रि-भाषा सूत्र पर रोक लगा दी है। लेकिन उन्होंने यह भी स्पष्ट किया है कि राज्य में त्रि-भाषा सूत्र लागू होकर रहेगा।
उनके इस बयान के बाद महाराष्ट्र की राजनीति में फिर बवाल मच गया। राज ठाकरे ने देवेंद्र फडणवीस को त्रि-भाषा सूत्र लागू करके दिखाने की चेतावनी दी है। इस बीच एनसीपी-एसपी सांसद सुप्रिया सुले ने हिंदी विवाद को लेकर अपनी चिंता जाहिर की है। सुप्रिया सुले ने इस बात पर आश्चर्य जताया कि मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस भाषा को लागू करने के लिए इतना दबाव क्यों बना रहे है।
भाषा विवाद पर एनसीपी (एसपी) सांसद सुप्रिया सुले ने कहा, “मैं देवेंद्र जी को लेकर बहुत चिंतित हूं। मुझे नहीं पता कि वह किसके दबाव में हैं। यह पहली बार है जब कोई मुख्यमंत्री हिंदी को मराठी से ऊपर रख रहा है।”
VIDEO | Mumbai: On language row, NCP (SP) MP Supriya Sule (@supriya_sule) says, “I am very concerned about Devendra Ji… I don’t know under whose pressure he is. This is the first time a Chief Minister is placing Hindi above Marathi.”#Maharashtra pic.twitter.com/dmiMqRzTHQ
— Press Trust of India (@PTI_News) July 19, 2025
सुप्रिया सुले ने कहा, “मुझे देवेंद्र फडणवीस की बहुत चिंता हो रही है। देवेंद्र फडणवीस पर आखिर किसका दबाव है। बहुत सारे राज्य ऐसे है, जिन्होंने भाषा लागू नहीं की है। गुजरात सरकार, तमिलनाडु सरकार ना ओडिशा और ना ही केरल की सरकार ने बहुत सारे ऐसे राज्य है हिंदी भाषा को लागू नहीं किया है। महाराष्ट्र में देवेंद्र फडणवीस पर किसका इतना दबाव है कि उनको ऐसा करना पड़ रहा है।
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सुप्रिया सुले ने कहा, “पहली बार इतिहास मे ऐसा होगा कि महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री मराठी को कम दिखा रहा है और हिंदी को ज्यादा मान दे रहा है। जितना मान मुझे मराठी पर है उतना ही हिंदी पर है उतना कन्नड़ पर है, उतना तेलुगु पर है, उतना हर भाषा पर है। हर भाषा का मान-सम्मान होना ही चाहिए। ये हमारी संस्कृति है। लेकिन इन्ही संस्कारों में किसी को कम दिखाना यह हमारी संस्कार में नहीं है।”
एनसीपी-एसपी सांसद ने कहा, “जिस राज्य से आप आते है, जिस राज्य के आप सरकार है उस राज्य की मातृभाषा है, मां है आपकी उसके साथ ऐसा क्यों कर रहे है। आप मौसी से भी उतना प्यार कीजिए कोई दिक्कत नहीं है। लेकिन मां, मां होती है और महाराष्ट्र की मां मराठी है।”