विधायक जितेंद्र आव्हाड ने संजय राउत पर की टिप्पणी
मुंबई: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी शरद पवार गुट के नेता और विधायक जितेंद्र आव्हाड ने संजय राउत, भारत-पाकिस्तान संबंध, विदेश सचिव विक्रम मिस्त्री की ट्रोलिंग के साथ युद्धविराम और किसानों को हुए नुकसान समेत कई मुद्दों पर टिप्पणी की है। जितेंद्र आव्हाड ने कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध विराम है। आव्हाड ने कहा कि देश के नागरिकों को चर्चा के माध्यम से इस बारे में सच्चाई जाननी चाहिए।
विक्रम मिस्त्री को ट्रोल करना निंदनीय
विधायक जितेंद्र आव्हाड ने कहा कि विदेश सचिव विक्रम मिस्त्री को ट्रोल किया जा रहा है। लेकिन आम जनता उनके साथ खड़ी है। ट्रोलर्स ने न केवल विक्रम मिस्त्री को बल्कि उनकी बेटी को भी निशाना बनाया है। यह अजीब और घिनौना कृत्य है। विक्रम मिस्त्री ने भारत की भूमिका को सही ढंग से प्रस्तुत करने का काम किया है।
मुंब्रा में जितेन्द्र आव्हाड का संघ है। जिसमें कई नगरसेवक शिवसेना में शामिल हो गए हैं। इसपर उन्होंने कहा कि यह मेरे लिए एक झटका है और यह भाजपा के लिए भी झटका ही साबित होगा। इस बात पर खूब चर्चा हो रही है कि पार्षदों को कितना पैसा दिया गया। लेकिन मैं इस बारे में कुछ नहीं कहूंगा।
संजय राउत बड़े नेता और हम….
विधायक जितेंद्र आव्हाड ने सांसद संजय राउत पर भी टिप्पणी की। जितेंद्र आव्हाड ने कहा कि संजय राउत बड़े कार्यकर्ता हैं और हम छोटे कार्यकर्ता हैं। शरद पवार की राजनीति संस्थागत प्रकृति की है। जब गोपीनाथ मुंडे थे, तो शरद पवार सुबह-सुबह उनकी आलोचना करते थे। लेकिन शाम को यही नेता एक साथ बैठकर चर्चा करते और गन्ना मजदूरों के लिए समाधान ढूंढते। शरद पवार संस्था को जीवित रखने के लिए हमेशा अपने राजनीतिक मतभेदों को अलग रखते हैं।
भारत-पाकिस्तान संबंधों पर बच्चू कडू का बड़ा बयान
प्रहार पार्टी के नेता और पूर्व राज्य मंत्री बच्चू कडू ने कहा, “पाकिस्तान लगातार दर्द दे रहा है और उसे रोका जाना चाहिए। पाकिस्तान हमेशा अपनी शिकायतें निकालता रहता है। जैसे इंदिरा गांधी ने बांग्लादेश को अलग किया था, वैसे ही हमें पाकिस्तान को भारत में शामिल कर लेना चाहिए। उसके लिए अगर सैनिकों की कमी हो तो प्रहार के कार्यकर्ता और बच्चू कडू तैयार हैं।
पवार साहब और अजित दादा पहले से थे साथ
राष्ट्रवादी कांग्रेस के दोनों दलों के एक साथ आने के बारे में बात करते हुए बच्चू कडू ने कहा, अगर दोनों राष्ट्रवादी कांग्रेस एक साथ आ भी जाएं तो इससे लोगों का क्या भला होगा। राष्ट्रवादी कांग्रेस कब अलग हुई थी? क्या यह संभव है कि पवार साहब और अजित दादा अलग थे? दोनों राष्ट्रवादी एक साथ थे।