ऑनलाइन गेमिंग को नियंत्रित करना जरूरी (सौ.सोशल मीडिया)
नवभारत डिजिटल डेस्क: इसमें कोई दो राय नहीं है कि जुआ चाहे ऑनलाइन हो या ऑफलाइन, बरबाद करके छोड़ता है। प्रति वर्ष 45 करोड़ लोग ऑनलाइन रियल मनी गेमिंग की अपनी लत की वजह में 20,000 करोड़ रुपए गंवा देते हैं। कितने ही परिवार इसकी वजह से कंगाल हो गए। हारनेवाला पीछे हटने की बजाय अगली बार यह सोच कर खेलता है कि अब वह जीतेगा। स्मार्ट फोन आने के बाद से पिछले 10-12 वर्षों में ऑनलाइन गेमिंग बेतहाशा बढ़ गई है। कर्नाटक से हासिल डेटा के मुताबिक वहां 2023 से ऑनलाइन बेटिंग की वजह से कंगाल हुए कम से कम 32 लोगों ने आत्महत्या की।
यहां तक कि ऑटो चालक और लैब टेक्नीशियन जैसे सीमित कमाई वाले लोग भी ऑनलाइन रमी खेलने के लिए 10 लाख रुपए या उससे ज्यादा का कर्ज लेते हैं। केंद्र सरकार ने ऑनलाइन गेमिंग पर प्रतिबंध लगाने के उद्देश्य से लोकसभा में प्रमोशन एंड रेगुलेशन ऑफ ऑनलाइन गेमिंग विधेयक पेश किया है। इस बिल के जरिए मनी गेमिंग से जुड़े संस्थानों पर मुख्य रूप से राज्य सरकारों द्वारा कार्रवाई की जाएगी। इस तरह की रोक लगाने से ऑनलाइन गेम चलाने वाली 400 कंपनियां बंद हो जाएंगी जिनके 2 लाख कर्मचारी बेरोजगार हो जाएंगे। इसके अलावा सरकार को जीएसटी से मिलनेवाली करोड़ों रुपए की आय से हाथ धोना पड़ेगा। इतने पर भी जनकल्याण को प्राथमिकता देते हुए यह विधेयक लाया गया है।
सवाल उठता है कि क्या इससे लोगों की जुआ खेलने की आदत पर विराम लग जाएगा? जुआड़ी अन्य तरीके तलाश लेंगे। आज शहर से लेकर गांव तक सट्टा खेला जाता है जिस पर प्रभावी रोक नहीं लग पाई। लोग किसी फार्महाउस या गेस्ट हाउस में जाकर जुआ खेलते हैं। क्रिकेट के सीजन में बेटिंग बढ़ जाती है। इंटरनेट की कोई सीमा नहीं है। यदि विदेश से ऑनलाइन जुआ चलाया गया तो कानूनी कार्रवाई करना मुश्किल हो जाएगा। ऐसी स्थिति को देखते हुए वर्तमान कानूनों को कड़ाई से लागू करना सरकार के लिए उचित होगा। 2023 में सरकार ने ऑनलाइन बेटिंग उद्योग को आत्मनियंत्रण करने का अवसर दिया था लेकिन इस कोई असर नहीं हुआ। सरकार को विदेशी बेटिंग साइट्स को ब्लॉक करना होगा। सरकार ने गेमिंग एप्स चलानेवाले अज्ञात एजेंटों व बॉट्स, जुए की लत लगानेवाले एग्लोरिदम पर चिंता व्यक्त की है।
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कितने ही ऑनलाइन रियल मनी गेमिंग प्लेटफार्म खुद को स्किल गेम (बुध्दि का हुनर या कौशल दिखानेवाला खेल) बताकर इसे जुआ या सट्टेबाजी से अलग दिखाने की कोशिश करते हैं। ये सभी इस विधेयक के दायरे में आएंगे। एक अच्छी बात है कि जो लोग ऑनलाइन गेम खेलकर पैसा गंवाते हैं, उन्हें कोई सजा नहीं दी जाएगी। कार्रवाई उन पर होगी जो रियल मनी गेमिंग प्लेटफार्म उपलब्ध कराने के अलावा लेन/देन सेवाएं सुगम बनाते हैं। अन्य देशों में भी ऑनलाइन गेमिंग को नियंत्रित किया गया है। ब्रिटेन और इटली में ऑनलाइन गेमिंग के विज्ञापन तथा फिल्मी सितारों, खिलाड़ियों द्वारा उनके एंडोर्समेंट पर रोक लगा दी गई है। अमेरिका और आस्ट्रेलिया में भी केवायसी और विज्ञापन संबंधी नियम कठोर किए गए हैं। केंद्र सरकार ई-स्पोर्ट्स और ऑनलाइन सोशल गेम्स को बढ़ावा देने के पक्ष में है जिसके लिए योजना बनाकर बजट प्रावधान किया जाएगा।
लेख-चंद्रमोहन द्विवेदी के द्वारा