अजित पवार जलगांव दौरा (pic credit; social media)
Ajit Pawar visit to Jalgaon: महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने जलगांव दौरे के दौरान कई अहम घोषणाएं कीं और स्थानीय मुद्दों पर स्पष्ट रुख सामने रखा। दौरे का सबसे महत्वपूर्ण पहलू रहा 29 शहीद सैनिकों की स्मृति में भव्य स्मारक के निर्माण के लिए 4.5 करोड़ रुपए की मंजूरी।
पवार ने कहा कि यह योजना भले ही डीपीडीसी (जिला योजना समिति) के नियमों में न आती हो, लेकिन यह उनके विभाग से जुड़ा हुआ विषय है, इसलिए इसे तुरंत मंजूरी दी जा रही है। उन्होंने यह भी जोड़ा कि आदेश सोमवार तक जारी कर दिए जाएंगे और यह स्मारक भविष्य की पीढ़ियों को प्रेरणा देगा।
हाल ही में नासिक जिले के पालक मंत्री पद को लेकर उठे विवाद पर भी अजित पवार ने प्रतिक्रिया दी। उन्होंने साफ कहा कि किसी भी जिले के पालक मंत्री, राज्य मंत्री या मंत्री की नियुक्ति का अधिकार सिर्फ मुख्यमंत्री के पास होता है। पवार ने इसे पूरी तरह मुख्यमंत्री का विषय बताया और कहा कि इस पर अनावश्यक बहस की कोई जरूरत नहीं है। उनका यह बयान मंत्री छगन भुजबल और गिरीश महाजन की ओर से दिए गए बयानों के बाद आया है, जिसमें दोनों नेताओं ने नासिक के पालक मंत्री पद को लेकर अपनी-अपनी राय रखी थी।
जलगांव के औद्योगिक विकास को लेकर उपमुख्यमंत्री ने कठोर रुख अपनाया। उन्होंने कहा कि जिले में कई लोगों ने प्लॉट तो ले रखे हैं, लेकिन वर्षों से वहां कोई उद्योग शुरू नहीं किया गया है। ऐसे मामलों में जल्द ही नोटिस जारी किए जाएंगे और अगर निर्धारित समय में काम शुरू नहीं किया गया तो जमीन वापस ली जाएगी। यह जमीन नए उद्योगपतियों को सौंपी जाएगी, ताकि जिले में औद्योगिक गतिविधियों को बढ़ावा दिया जा सके।
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अजित पवार ने बताया कि हाल ही में हुई भारी बारिश से जलगांव जिले के पांच तालुकों की फसलें बर्बाद हुई हैं। उन्होंने संबंधित विभागों को नुकसान का आकलन कर किसानों को जल्द राहत पहुंचाने के निर्देश दिए। साथ ही, उन्होंने यह भी कहा कि कैबिनेट बैठक में धुले और नंदुरबार जिलों को दी जा रही बिजली रियायत जलगांव को भी दी जाए या नहीं, इस पर निर्णय लिया जाएगा।
जलगांव दौरे के दौरान अजित पवार ने स्पष्ट संदेश दिया कि राज्य सरकार शहीदों के सम्मान, किसानों की मदद और औद्योगिक विकास के प्रति प्रतिबद्ध है। उनका सख्त लेकिन संतुलित रुख स्थानीय राजनीति और प्रशासनिक फैसलों को नई दिशा देता हुआ नजर आया।