रामचरित मानस की चौपाईयां (सौ. डिजाइन फोटो)
नवभारत डिजिटल डेस्क: पड़ोसी ने हमसे कहा, ‘निशानेबाज, पाकिस्तान को आतंकिस्तान कहा जाए या उसे इंटरनेशनल भिखारी का दर्जा दिया जाए? उसे झूठों का सरताज या बेपेंदी का लोटा भी कहा जा सकता है।’ हमने कहा, ‘वह आदत से मजबूर फटीचर मुल्क है जिसकी बुनियाद नफरत पर टिकी हुई है। ऐसे दुष्ट को हमेशा डरा कर रखना चाहिए। डायरेक्टर जनरल आफ एयर आपरेशन्स एयरमार्शल एके भारती ने संत तुलसीदास रचित रामचरित मानस के सुंदरकांड की चौपाई का सुंदर, सटीक और सामयिक उल्लेख करते हुए कहा- भय बिनु होई न प्रीति! दुष्ट जब डरेगा, भयभीत होगा तभी झुकेगा और शरण में आएगा।’
पड़ोसी ने कहा, ‘निशानेबाज, तुलसी बाबा ने 500 वर्ष से भी पहले यह नीति वचन लिख दिया जो हमेशा के लिए सार्थक है। जब एयर मार्शल ने रामायण में इतनी रुचि दिखाई है तो हमें भी हर मंगलवार या शनिवार को सुंदरकांड का पाठ करना चाहिए। इतने पर भी हमें यह बताइए कि सुंदरकांड की विशेषता क्या है?’ हमने कहा, ‘इसमें पवनपुत्र हनुमानजी का पराक्रम वर्णित है कि उन्होंने सुरसा, लंकिनी जैसी कितनी ही बाधाओं को पार करते हुए राक्षसों की लंका में प्रवेश किया। सीता को राम का संदेश देने के बाद अशोक वाटिका तहस-नहस कर डाली और लंका में आग लगा दी। आज के कमांडो इससे सीख सकते हैं कि मिशन को साहस और सूझबूझ के साथ कैसे अंजाम दिया जाए।
रूद्रावतार हनुमानजी ने त्रेता युग में अकेले दम पर मिशन इम्पासिबल को पॉसिबल या संभव कर दिखाया। उन्होंने पहले ही अपनी अपार क्षमता के बारे में जामवंत से कहा था कि मैं त्रिकूट पर्वत को उखाड़ कर रावण को सेना सहित मार सकता हूं लेकिन जामवंत ने कहा था कि तुम जाकर सीता का पता लगाओ। बाकी काम रामचंद्रजी वानर सेना के साथ करेंगे। रावण को मारने के लिए ही उनका अवतार हुआ है। हनुमान ने सीताजी से कहा था कि माताजी, मैं आपको तुरंत प्रभु के पास ले जा सकता हूं लेकिन ऐसा करने की मुझे अनुमति नहीं है।
रामजी सेना के साथ आएंगे और रावण को मारकर आपको ले जाएंगे। हनुमान के पराक्रम से राक्षसों में दहशत फैल गई थी। इसी तरह आतंकियों और उनके आकाओं को मारकर, ड्रोन और मिसाइल से एयरफील्ड तबाह कर भारत ने पाकिस्तान में खौफ पैदा कर दिया है। यह डर पीढि़यों तक उसके दिल में बना रहेगा।’
लेख- चंद्रमोहन द्विवेदी के द्वारा