झामुमो और भाजपा (फोटो सोर्स - सोशल मीडिया)
रांची : झारखंड में सत्तारूढ़ झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) ने रविवार, 3 नवंबर को भारतीय जनता पार्टी के ‘संकल्प पत्र’ को ‘झूठ, लूट और ठग पत्र’ करार देते हुए कहा कि भाजपा ने चुनाव परिणाम से 20 दिन पहले ही हार स्वीकार कर ली है। झामुमो के प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने पत्रकारों से बातचीत में भाजपा की योजनाओं की आलोचना की और दावा किया कि भाजपा ने जनहित के मुद्दों को नजरअंदाज किया है।
भट्टाचार्य ने कहा कि हेमंत सोरेन सरकार की ‘मैय्या सम्मान योजना’ के तहत लाभार्थियों को 2,500 रुपये मिलेंगे, जबकि भाजपा की ‘गोगो दीदी’ योजना के तहत केवल 2,100 रुपये दिए जाएंगे। उन्होंने गृह मंत्री अमित शाह पर निशाना साधते हुए कहा, “वे झारखंड में पांच लाख नौकरियों का हिसाब मांग रहे हैं। क्या उन्होंने 11 साल में 22 करोड़ नौकरियां दी हैं? केवल दो करोड़ नौकरियों के आंकड़े बताएं।”
भट्टाचार्य ने भाजपा के संकल्प पत्र में ओबीसी को 27 प्रतिशत आरक्षण देने की बात पर भी सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि झामुमो ने पहले ही एसटी को 28 प्रतिशत, एससी को 26 प्रतिशत और ओबीसी को 27 प्रतिशत आरक्षण देने का आश्वासन दिया है। पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी पर आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि उन्होंने ओबीसी कोटा 27 प्रतिशत से घटाकर 14 प्रतिशत कर दिया था।
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वहीं, झामुमो के सहयोगी दल कांग्रेस ने भाजपा के संकल्प पत्र को ‘फरेब पत्र’ करार दिया। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष केशव महतो कमलेश ने आरोप लगाया कि भाजपा का घोषणापत्र जनता को धोखा देने के लिए है। उन्होंने कहा, “झारखंड की जनता सतर्क हो गई है और झूठे वादों के जाल में नहीं फंसेगी। गठबंधन अपने काम की बदौलत सत्ता में बना रहेगा।”
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राजेश ठाकुर ने गृह मंत्री अमित शाह की टिप्पणियों पर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि शाह ने घुसपैठ का मुद्दा उठाया और इसके लिए झारखंड के मुख्यमंत्री को जिम्मेदार ठहराया। ठाकुर ने कहा, “गृह मंत्रालय की जिम्मेदारी सीमा सुरक्षा की है। अगर स्थिति खराब है, तो उन्हें जिम्मेदारी लेकर इस्तीफा दे देना चाहिए।” इस प्रकार, झारखंड की राजनीतिक गतिविधियों में भाजपा के संकल्प पत्र को लेकर तीखी प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है, जो आगामी चुनावों के लिए माहौल को और गरमा सकती है।
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