झारखंड में 25 जिंदगियां पानी में डूबीं (कॉन्सेप्ट फोटो- सोशल मीडिया)
Chhath Puja Tragedy in Jharkhand: लोक आस्था का महापर्व छठ झारखंड समेत कई राज्यों में पूरे उत्साह के साथ मनाया गया। सूरज को अर्घ्य देने के लिए घाटों पर भारी भीड़ जुटी। लेकिन इस पावन अवसर पर कई घरों में हमेशा के लिए मातम पसर गया। सोमवार और मंगलवार को पूजा के दौरान हुए अलग-अलग हादसों ने इन खुशियों को गम में बदल दिया। अकेले झारखंड में ही बच्चों समेत 25 लोगों की जलाशयों में डूबने से दर्दनाक मौत हो गई।
यह दर्दनाक मंजर सिर्फ झारखंड तक सीमित नहीं रहा। मिली जानकारी के मुताबिक, पड़ोसी राज्य बिहार में भी छठ के दौरान 83 लोगों की मौत की सूचना है। झारखंड की बात करें तो यहां के कई जिलों में घाटों पर कोहराम मच गया। सबसे ज्यादा सात मौतें गिरिडीह जिले में दर्ज की गईं। इसके बाद हजारीबाग और सिमडेगा में 4-4 लोगों की जान चली गई। जमशेदपुर के चांडिल में तीन, जबकि कोडरमा और देवघर में दो-दो लोगों की डूबने से मौत हुई।
हजारीबाग के कटकमसांडी में हुआ हादसा सबसे दर्दनाक रहा, जहां तालाब में डूबने से दो सगी बहनों समेत चार लोगों की मौत हो गई। इस घटना ने पूरे गांव को सन्न कर दिया। इसी तरह सिमडेगा के बानो में भी चार बच्चियों की मौत ने सबको झकझोर कर रख दिया, वे सभी पूजा के लिए घाट पर गई थीं। चतरा जिले से भी दो मौतों की खबर आई, पहली दानरो नदी छठ घाट पर एक किशोर की जान चली गई, वहीं प्रतापपुर में पूजा के दौरान एक अधेड़ व्यक्ति डूब गया। कोडरमा में भी 24 घंटे के भीतर अलग-अलग जगहों पर दो लोगों की मौत की पुष्टि हुई है। इनके अलावा गढ़वा और रांची में भी एक-एक व्यक्ति की मौत हो गई।
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झारखंड में सबसे ज्यादा 7 मौतें गिरिडीह जिले में हुईं, जिसने पूरे इलाके को दहला दिया। यहां के जमुआ प्रखंड के धीरोसिंगा के रहने वाले दिलीप राय की डूबने से जान चली गई। वहीं, नवडीहा ओपी के परांचीडीह की अंशु कुमारी भी छठ के दौरान काल के गाल में समा गईं। धनवार के चितरडीह के नंदलाल साव और दशरोडीह के धीरज कुमार की मौत ने भी उनके परिवारों की छठ की सारी खुशियां छीन लीं। इसके अलावा, बिरनी के पिपराडीह गांव में एक बच्चे की डूबने से मौत हो गई। जिले में अन्य जगहों से भी डूबकर मौत की सूचनाएं मिली हैं, जिससे महापर्व का उल्लास मातम में बदल गया।