इरफान अंसारी (फोटो- सोशल मीडिया)
रांचीः महाराष्ट्र और हरियाणा के बाद अब झारखंड सरकार ने भी राज्य में गुटखा और पान मसाले की बिक्री, भंडारण और सेवन पर पूर्णतः प्रतिबंध लगाने का फैसला लिया है। इस कदम का उद्देश्य युवाओं को नशे की लत से बचाना और प्रदेश में स्वास्थ्य सुधार को बढ़ावा देना है। झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. इरफान अंसारी ने इस प्रतिबंध की घोषणा करते हुए कहा कि यह मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के ‘स्वस्थ झारखंड’ के लक्ष्य को पूरा करने में यह फैसला मील का पत्थर साबित होगा।
स्वास्थ्य मंत्री डॉ. अंसारी ने कहा, “गुटखा और पान मसाले के कारण कैंसर जैसी घातक बीमारियां तेजी से फैल रही हैं, जिससे हमारे युवा बर्बाद हो रहे हैं। एक डॉक्टर होने के नाते मैं इस जहर के प्रभाव को भली-भांति समझता हूं और इसे बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। जब जनता ने मुझे स्वास्थ्य मंत्री बनाया है, तो मेरा पहला कर्तव्य उनके जीवन की रक्षा करना है।”
सरकार की तरफ से जारी शासनादेश में स्पष्ट कर दिया है कि कोई भी व्यक्ति गुटखा, खाते, बेचते या भण्डारण करते हुए पाया गया तो उसके खिलाफ एक्शन लिया जाएगा। प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग को सख्त निर्देश दिए गए हैं कि इस प्रतिबंध को सख्ती से लागू किया जाए। इसके साथ ही गुटखा माफियाओं और अवैध व्यापारियों पर भी विशेष नजर रखी जाएगी।
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डॉ. अंसारी ने बताया कि इस फैसले के पीछे राज्य की जनता, विशेषकर माताओं और बहनों की गुहार थी, जो अपने परिवार के सदस्यों को नशे की गिरफ्त में जाते देख रही थीं। उन्होंने कहा कि “यह प्रतिबंध सिर्फ एक सरकारी आदेश नहीं है, बल्कि उन परिवारों के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि है, जिन्होंने अपने बच्चों को कैंसर जैसी बीमारियों के कारण खो दिया।”
स्वास्थ्य मंत्री ने प्रदेश की जनता से अपील की कि वे इस फैसले को स्वीकार करें और झारखंड को गुटखा मुक्त बनाने की दिशा में सहयोग करें। उन्होंने कहा कि हम एक ऐसा ट्रेंड शुरू करेंगे,जिसे देखकर अन्य राज्य इसे अपनाएं।