(फोटो सोर्स सोशल मीडिया)
रांची : झारखंड में विधानसभा चुनाव से ठीक एक दिन पहले कांग्रेस पार्टी के घोषणापत्र को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। राज्य के मुख्य चुनाव अधिकारी के रवि कुमार ने मंगलवार 12 नवंबर को कहा कि उन्हें इस मामले में विभिन्न राजनीतिक दलों से शिकायतें प्राप्त हुई हैं। इसके बाद चुनाव आयोग के मीडिया निगरानी और सोशल मीडिया निगरानी समिति ने भी कांग्रेस के घोषणापत्र को लेकर सवाल उठाए हैं।
मुख्य चुनाव अधिकारी के रवि कुमार ने कहा, “हमें राजनीतिक दलों से शिकायतें मिली हैं और आयोग की मीडिया निगरानी समिति ने भी इस मुद्दे की पहचान की है। अब हम इस मामले की जांच करेंगे। केवल जांच के बाद ही हम किसी निष्कर्ष पर पहुंच सकते हैं और उस पर कार्रवाई की जाएगी।”
यह भी पढ़ें – झारखंड चुनाव : पहले चरण के मतदान से ठीक पहले कांग्रेस ने जारी किया घोषणापत्र, जानिए वादों के पिटारे में क्या है खास
बता दें कि कांग्रेस द्वारा घोषणापत्र जारी करने को लेकर सवाल इसलिए उठे हैं क्योंकि जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 126 में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि चुनाव प्रचार के लिए निर्धारित “मौन अवधि” के दौरान किसी भी प्रकार की राजनीतिक गतिविधि या घोषणापत्र जारी करना अवैध है। मौन अवधि वह समय होता है जो चुनाव प्रचार समाप्त होने के बाद से चुनावी मतदान तक होता है। इस दौरान किसी भी पार्टी को प्रचार या नए घोषणापत्र जारी करने की अनुमति नहीं होती है।
#WATCH | Ranchi: On Congress’ manifesto, Jharkhand Chief Election Officer K Ravi Kumar says, “We have received complaints from the political party. The Media Monitoring and Social Media Monitoring Committee of the ECI office also identified such an incident. We have to conduct an… pic.twitter.com/mJ4s0M4bDV
— ANI (@ANI) November 12, 2024
मुख्य चुनाव अधिकारी ने इस संबंध में कहा, “यह आयोग का स्पष्ट प्रावधान है और इसे कानून के तहत लागू किया जाएगा। अगर जांच में यह पाया जाता है कि कांग्रेस पार्टी ने मौन अवधि का उल्लंघन किया है, तो उस पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।”
चुनाव आयोग की जांच के बाद ही यह साफ होगा कि क्या वास्तव में कांग्रेस ने कानूनी प्रावधानों का उल्लंघन किया है। यदि ऐसा होता है तो चुनाव आयोग इस मामले में उचित कार्रवाई करेगा। अब सबकी नजरें इस जांच पर हैं, क्योंकि यह तय करेगा कि क्या कांग्रेस पार्टी ने चुनाव प्रचार के नियमों का पालन किया या नहीं।
यह भी पढ़ें – झारखंड में हेमंत सोरेन का आगमन या सत्ता परिवर्तन? सर्वे में सामने आया चौंकाने वाला रिजल्ट