झारखंड के चाईबासा में IED ब्लास्ट
Jharkhand Chaibasa IED Blast: झारखंड के खूबसूरत जंगल एक बार फिर बारूद के धुएं और मासूमों की चीख से दहल उठे हैं। चाईबासा के सारंडा जंगल क्षेत्र में शुक्रवार को एक दिल दहला देने वाली घटना घटी, जिसने इंसानियत को शर्मसार कर दिया है। पेट की आग बुझाने के लिए जंगल में लकड़ी और पत्ता चुनने गई ग्रामीण महिलाओं को अंदाजा भी नहीं था कि जमीन के नीचे मौत उनका इंतजार कर रही है। नक्सलियों द्वारा बिछाए गए आईईडी ब्लास्ट की चपेट में आने से एक युवती की मौके पर ही दर्दनाक मौत हो गई, जबकि दो अन्य महिलाएं जिंदगी और मौत के बीच झूल रही हैं।
यह खौफनाक हादसा जराईकेला थाना क्षेत्र के कोलभोंगा जंगल में हुआ। एसपी अमित रेणु ने घटना की पुष्टि करते हुए बताया कि धमाका इतना जबरदस्त था कि पूरे इलाके में सनसनी फैल गई। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, जैसे ही जोरदार आवाज सुनाई दी, आसपास के ग्रामीण तुरंत घटनास्थल की ओर दौड़े और घायलों को वहां से बाहर निकालने में जुट गए। आनन-फानन में घायल महिलाओं को स्थानीय अस्पताल ले जाया गया, जहां उनका इलाज चल रहा है। प्रशासन ने अभी तक मृतका का नाम आधिकारिक रूप से जारी नहीं किया है, लेकिन इस घटना ने पुलिस और प्रशासन की चुनौतियों को और बढ़ा दिया है।
इस घटना का सबसे दुखद पहलू यह है कि नक्सलियों का निशाना गांव वाले नहीं, बल्कि सुरक्षा बल थे। एसपी अमित रेणु के अनुसार, नक्सलियों ने सुरक्षा बलों को नुकसान पहुंचाने की नीयत से जंगल के रास्तों में जगह-जगह आईईडी विस्फोटक छिपा रखे थे। शुक्रवार की शाम जब ये महिलाएं कोलभोंगा और बिंदिकिरी के जंगलों में अपनी रोजमर्रा की जरूरतों के लिए लकड़ी और पत्ते इकट्ठा कर रही थीं, तभी उनका पैर इस विस्फोटक पर पड़ गया। नक्सलियों की यह कायरतापूर्ण हरकत एक बार फिर बेगुनाह ग्रामीणों के लिए काल साबित हुई है।
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ब्लास्ट के बाद से पूरे इलाके में मातम और दहशत का माहौल है। लोग अपने घरों से निकलने और जंगल की तरफ जाने से भी डर रहे हैं। घटना की सूचना मिलते ही पुलिस और सुरक्षा बलों की भारी टीम मौके पर पहुंच गई है। सुरक्षा के लिहाज से पूरे इलाके को सील कर दिया गया है और जंगल के चप्पे-चप्पे पर सघन सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा है ताकि और कोई छिपा हुआ विस्फोटक किसी और की जान न ले ले। यह घटना एक कड़वी याद दिलाती है कि कैसे नक्सलियों की हिंसा की आग में आम आदमी बेवजह जल रहा है।