एसीबी ने झारखंड के वरिष्ठ आईएएस अधिकारी को किया गिरफ्तार
रांची: झारखंड में भ्रष्टाचार के एक मामले में एक आइएएस अधिकारी को ही एसीबी (ACB) ने गिरफ्तार कर लिया है। आज भारतीय प्रशासनिक सेवा के वरिष्ठ अधिकारी विनय कुमार चौबे से 5 घंटे की पूछताछ के बाद एसीबी ने गिरफ्तार कर लिया है। विनय चौबे 1999 बैच के आईएएस अफसर हैं। गिरफ्तारी के बाद चौबे को एसीबी मामलों के विशेष न्यायाधीश योगेश कुमार के समक्ष पेश किया गया।
विनय चौबे ने मुख्यमंत्री के सचिव सहित कई महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया है। वह वर्तमान में पंचायती राज विभाग में प्रधान सचिव के पद पर तैनात थे। एसीबी ने आबकारी विभाग के सचिव के रूप में चौबे के कार्यकाल के दौरान आबकारी नीति में अनियमितताओं के आरोपों की जांच शुरू की थी। राज्य सरकार ने इससे पहले चौबे के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की अनुमति दी थी।
एसीबी अधिकारी के मुताबिक जांच टीम सुबह चौबे के आवास पर पहुंची और उन्हें पूछताछ के लिए ब्यूरो मुख्यालय ले गई। आबकारी विभाग के संयुक्त आयुक्त गजेंद्र सिंह से भी एसीबी ने पूछताछ की। इससे पहले प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कथित आबकारी घोटाले की जांच के तहत पिछले साल अक्टूबर में चौबे और सिंह से जुड़े परिसरों पर छापे मारे थे। ईडी ने इसके बाद राज्य सरकार के कई अधिकारियों, शराब कारोबारियों और अन्य के परिसरों पर भी छापे मारे थे।
संघीय जांच एजेंसी के झारखंड क्षेत्रीय कार्यालय की ओर से धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत आपराधिक मामला दर्ज किए जाने के बाद रांची और पड़ोसी राज्य छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में 15 परिसरों पर तलाशी ली गई और कई सबूत जुटाए गए। चौबे से अभी और कई मामले में पूछताछ की जाएगी।
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ईडी ने सात सितंबर, 2024 को छत्तीसगढ़ पुलिस की एसीबी टीम की ओर से रायपुर में दर्ज की गई एफआईआर का संज्ञान लिया था। इसमें चौबे, छत्तीसगढ़ से सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी अनिल टुटेजा, रायपुर के महापौर ऐजाज ढेबर के बड़े भाई अनवर ढेबर, भारतीय दूरसंचार सेवा के अधिकारी अरुणपति त्रिपाठी और कई अन्य लोगों को नामजद किया गया था।