पहलगाम में बरपा कहर, फोटो ( सो. सोशल मीडिया)
श्रीनगर: पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने जम्मू-कश्मीर के लोगों को भी deeply आहत किया है। इस हमले की निंदा केवल आम जनता ने ही नहीं, बल्कि कश्मीर की मस्जिदों से भी इसकी आलोचना करते हुए ऐलान किए गए। लोगों ने सरकार से ऐसे गुनहगारों के खिलाफ सख्त कदम उठाने की मांग की है। यह बदलाव कश्मीर के माहौल में आ रहे सकारात्मक परिवर्तन को दर्शाता है, क्योंकि अब वहां आतंकवाद के समर्थन में आवाजें उठती नजर नहीं आतीं। हमले के बाद स्थानीय लोगों ने कैंडल मार्च निकालकर एकजुटता दिखाई, जिसकी गूंज पाकिस्तान तक जरूर जाएगी।
हमले के दो घंटे बाद कश्मीर की मस्जिदों से एक अहम संदेश गूंजा। इसमें कहा गया कि पहलगाम में हुआ हमला न सिर्फ इस्लाम, बल्कि इंसानियत के भी खिलाफ है। आतंकवाद का कोई मजहब नहीं होता, और यह हमला कश्मीर की अमन और भाईचारे की फिजा को बिगाड़ने की साजिश है। कश्मीर हम सभी का साझा घर है, और हम इसे आतंकवादियों के हाथों नहीं जाने देंगे।
कश्मीर के धार्मिक नेताओं ने पर्यटकों के प्रति एकजुटता जाहिर की और सरकार से आतंकियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की। उनका कहना था कि इस तरह की कायराना हरकत करने वालों को किसी भी सूरत में माफ नहीं किया जाना चाहिए।
#WATCH जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा में स्थानीय लोगों ने पहलगाम आतंकी हमले के खिलाफ कैंडल मार्च करके विरोध जताया। pic.twitter.com/JFn7peFakd
— ANI_HindiNews (@AHindinews) April 22, 2025
बारामूला, जम्मू-कश्मीर में पहलगाम आतंकी हमले के विरोध में स्थानीय निवासियों ने कैंडल मार्च निकाला और अपनी नाराज़गी जाहिर की। इसी तरह श्रीनगर में भी लोगों ने मोमबत्तियाँ जलाकर हमले का विरोध किया। आमतौर पर रौनक से भरे रहने वाला कश्मीर का लाल चौक इस दौरान सुनसान दिखाई दिया।
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बता दें कि 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में एक आतंकी हमला हुआ। बैसरन घाटी में घुड़सवारी कर रहे पर्यटकों के एक समूह को आतंकवादियों ने अपना निशाना बनाया। चश्मदीदों के अनुसार, हमलावरों ने पहले लोगों से उनके नाम पूछे और जैसे ही उन्हें किसी की हिंदू पहचान का शक हुआ, उन्होंने फायरिंग शुरू कर दी।
मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक, इस हमले में लगभग 27 लोगों की जान चली गई है और 12 अन्य घायल हुए हैं। इस बर्बर घटना की जिम्मेदारी लश्कर-ए-तैयबा से संबद्ध आतंकी संगठन टीआरएफ (द रेसिस्टेंस फ्रंट) ने ली है, जो पहले भी अन्य राज्यों से आए लोगों को निशाना बना चुका है। जैसे ही हमले की खबर मिली, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने दिल्ली में एक उच्चस्तरीय बैठक बुलाई, जिसमें सेना और खुफिया विभागों के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए। इस बैठक में हमले के बाद की परिस्थितियों का विश्लेषण किया गया और सुरक्षा इंतज़ामों की समीक्षा की गई। बैठक समाप्त होने के तुरंत बाद गृहमंत्री अमित शाह कश्मीर के लिए रवाना हो गए।