उमर अब्दुल्ला, फोटो - सोशल मीडिया
श्रीनगर : जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने भारत और पाकिस्तान के बीच घोषित सीजफायर का स्वागत किया है और राज्य प्रशासन से युद्ध प्रभावित लोगों को त्वरित राहत पहुंचाने की अपील की है। उन्होंने कहा कि अगर यह युद्धविराम 2-3 दिन पहले हो जाता, तो कई कीमती जानें बचाई जा सकती थीं।
उमर अब्दुल्ला ने कहा, “मैं सीजफायर का स्वागत करता हूं। अगर यह 2-3 दिन पहले हो जाता, तो जिनकी जानें गईं हैं, वे बच सकती थीं। पाकिस्तान के DGMO ने हमारे DGMO को कॉल कर यह सहमति दी, और सीजफायर लागू हो गया। अब राज्य सरकार की जिम्मेदारी है कि वह तुरंत नुकसान का आकलन करे और राहत पहुंचाए।”
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि जिन लोगों को चोट लगी है, उन्हें तत्काल सरकारी योजना के तहत इलाज और मुआवजा मिलना चाहिए। उन्होंने कहा कि आगजनी के कारण लोगों के घरों को काफी नुकसान हुआ है और जिला प्रशासन को निर्देश दिए गए हैं कि वे क्षति का अंतिम आकलन कर जल्द से जल्द रिपोर्ट भेजें, जिससे सरकार सहायता कार्य शुरू कर सके।
उन्होंने हवाई सेवाओं की बंदी से उत्पन्न असुविधा पर भी चिंता जताई। उमर अब्दुला ने कहा कि हमारा एयरपोर्ट कई दिनों से बंद है। अब जब सीजफायर हुआ है, उम्मीद है कि एयरपोर्ट फिर से खुल जाएगा।
इस बीच, विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने पुष्टि की कि पाकिस्तान के DGMO ने शनिवार दोपहर 3:35 बजे भारतीय DGMO से संपर्क किया और दोनों पक्षों ने जमीन, समुद्र और वायु में सभी सैन्य कार्रवाइयों को बंद करने पर सहमति जताई। यह सीज़फायर आज शाम 5:00 बजे से प्रभावी हो गया है। अगली DGMO स्तर की बैठक 12 मई को दोपहर 12 बजे होगी।
रक्षा मंत्रालय और विदेश मंत्रालय की संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में ऑपरेशन सिंदूर पर जानकारी देते हुए भारतीय सेना की कर्नल सोफिया कुरैशी ने बताया कि पाकिस्तान ने भारत की सैन्य संरचनाओं, एलओसी और अंतरराष्ट्रीय सीमा पर 26 से अधिक ठिकानों को निशाना बनाया था।
उधर, अमेरिका के विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने बताया कि भारत और पाकिस्तान ने अब एक तटस्थ स्थान पर व्यापक मुद्दों पर बातचीत शुरू करने पर सहमति जताई है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और शाहबाज शरीफ को शांति के मार्ग को चुनने के लिए धन्यवाद दिया।