अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर का घोषणा पत्र जारी किया (सौ: एक्स)
श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव को लेकर भारतीय जनता पार्टी की ओर से घोषणा पत्र-संकल्प पत्र जारी कर दी गई है। गृहमंत्री अमति शाह अपने दो दिवसीय दौरे पर श्रीनगर पहुंचे हैं। इसी दौरान उन्होंने पार्टी की ओर से घोषणा पत्र जारी किया। प्रेस कांफ्रेंस में घोषणा पत्र जारी करते हुए गृहमंत्री ने नेशनल कॉन्फ्रेंस पर हमला बोला है।
अमित शाह ने कहा कि 370 को लेकर नेशनल कॉन्फ्रेंस पार्टी, कांग्रेस का मौन समर्थन कर रही है। लेकिन उन्हें मालूम होना चाहिए की अब ये धारा इतिहास बन चुकी है। उन्होंने गारंटी दी कि ये धारा अब कभी लौट नहीं सकती है।
जारी की गए पत्र में उज्जवला योजना के लाभार्थियों को हर साल 2 फ्री LPG सिलेंडर, 10वीं क्लास के छात्रों को टेबलेट और लैपटॉप और भूमिहीनों को 5 मरला मुफ्त जमीन देने की बात कही गई है। साथ ही मां सम्मान योजना के अंतर्गत हर घर की सबसे वरिष्ठ महिला को सलाना 18000 रुपये देने की बात कही गई है। महिला स्वयं सहायता समूहों के बैंक ऋण पर ब्याज के विषय पर सहायता देने की घोषणा की गई है।
महिला स्वयं सहायता समूहों के बैंक ऋण पर ब्याज के विषय पर सहायता देने की घोषणा की गई है। वहीं रोजगार को बढ़ावा देते हुए अमित शाह ने PPNDRY के तहत 5 लाख रोजगार देने का वादा किया है। साथ ही प्रगति शिक्षा योजना के तहत कॉलेज जा रहे विद्यार्थियों को यातायात संबंधी भत्ते के लिए 3 हजार रुपये सालाना देने की बात कही गई है। वहीं सिविल सेवा की तैयारी कर रहे JKPSC-UPSC के परीक्षार्थियों को 2 सालों के लिए 10 हजार रुपये की कोचिंग फीस देना का ऐलान किया गया है। जम्मू में क्षेत्रीय विकास बोर्ड के गठन की भी बात कही गई है। इसके अलावा नए उद्योग लगाने का भी वादा किया गया है। साथ ही जम्मू, डल झील, और कश्मीर में टूरिज्म को बढ़ावा देने की भी गारंटी है।
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गृहमंत्री ने आर्टिकल 370 का विरोध करते हुए कहा कि 370 ही वो धारा थी जिसकी वजह से युवा विकास नहीं आतंकवाद की ओर बढ़ रहे थे। जम्मू-कश्मीर में गोली और बारुद की आवाज सुनी जाती थी, जो की अब इतिहास बन चुका है। उन्होंने कहा कि आजादी के समय से ही हमारी पार्टी के लिए जम्मू-कश्मीर का ये भूभाग बहुत महत्वपूर्ण रहा है। आजादी के समय से ही हमने इस भूभाग को हमेशा भारत के साथ जोड़े रखने के लिए प्रयास किए। पंडित प्रेमनाथ डोगरा से लेकर श्यामा प्रसाद मुखर्जी की शहादत तक ये पूरा संघर्ष पहले भारतीय जनसंघ और फिर भारतीय जनता पार्टी ने आगे बढ़ाया। क्योंकि हमारी पार्टी मानती है कि जम्मू-कश्मीर हमेशा से भारत का हिस्सा है और रहेगा।