तरुम चघु ने राजनीतिक पार्टियों को दी खुली चुनौती (सोर्स:-सोशल मीडिया)
श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक पार्टियां अपनी-अपनी तैयारी में लगी हुई है। जहां अब बीजेपी कांग्रेस और अन्य राजनीतिक पार्टियों को घेरने के लिए अपना जाल बिछा रही है जिसके लिए बीजेपी ने कांग्रेस, नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां) और पीपुल्स डेमोक्रेटिक्स पार्टी (पीडीपी) को आतंकवाद के मुद्दे पर खुली बहस करने की चुनौती देकर आतंकवाद को एक मुद्दा बनाने का प्रयास कर रही है।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने बृहस्पतिवार को नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां), पीपुल्स डेमोक्रेटिक्स पार्टी (पीडीपी) और कांग्रेस को आतंकवाद, हिंसा और जन सुरक्षा पर खुली चर्चा के लिए चुनौती दी। साथ ही पार्टी ने जम्मू-कश्मीर में 1990 के दशक के अशांत दौर के लिए तीनों दलों की आलोचना की। पार्टी ने कहा कि वह आतंकवाद और आम लोगों के हताहत होने को कतई सहन नहीं करने का रुख रखती है।
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भाजपा के जम्मू-कश्मीर प्रभारी तरुण चुघ ने यहां संवाददाताओं से कहा मैं गांधी-नेहरू, अब्दुल्ला और मुफ्ती परिवारों को जो दवाइयों की पीढ़ी दर पीढ़ी चलने वाली दुकानों की तरह हैं उनके और हमारे कार्यकाल के दौरान आतंकवाद, सुरक्षा और नागरिक सुरक्षा की स्थिति और अनुच्छेद 370 और 35 ए के बारे में उनके भ्रामक दावों और साजिशों पर खुली बहस के लिए चुनौती देता हूं।
तरुण चघु ने कहा हम कहीं भी खुली बहस के लिए तैयार हैं, जिसमें कोई एक पत्रकार मध्यस्थता करेगा और कोई टीवी चैनल इसका प्रसारण करेगा। पार्टी ने केंद्र शासित प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनावों के लिए जम्मू में अपने मीडिया केंद्र का उद्घाटन किया। कार्यक्रम के दौरान चुघ ने कहा कि पांच अगस्त 2019 को अनुच्छेद 370 को निरस्त करने और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित करने के बाद आतंकवाद की घटनाओं और कानून-व्यवस्था के मुद्दों में उल्लेखनीय कमी आई है।
भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव ने कहा पांच अगस्त 2019 के बाद से हमने न केवल आतंकवादियों को ढेर किया है और आतंकवाद को कम किया है, बल्कि आम लोगों और सुरक्षा बलों के कर्मियों के हताहत होने की संख्या तथा हिंसा की घटनाओं में भी भारी कमी की है। उन्होंने पूर्ववर्ती सरकारों के तहत हुई घटनाओं की वर्षवार जानकारी भी साझा की।
चुघ ने कहा कि नेकां-कांग्रेस-पीडीपी कार्यकाल के दौरान, नागरिकों के हताहतों होने की सालाना औसतन घटनाएं 60-70 थीं, जो 2018 में घटकर 55, 2023 में 24 और इस साल 14 हो गईं। आतंकवादी घटनाएं 2018 में 228 थी, जो 2023 में घटकर 46 रह गई और इनकी संख्या इस साल 11 पर आ गई। भाजपा नेता ने कहा 2018 में मुठभेड़ों की संख्या 189 थी जो 2023 में घटकर 48 और इस साल 24 हो गई है।
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चुघ ने दावा किया उनके शासन में, पत्थरबाजी की प्रतिवर्ष लगभग 1,328 घटनाएं होती थीं, जो 2023 में घटकर शून्य हो गईं और इस वर्ष भी एक भी घटना नहीं हुई।” उन्होंने कहा, “हमने न केवल आतंकवाद को कम किया है, बल्कि आतंकवादियों की आयु भी कम की है। हमने फर्जी मुठभेड़ों और निर्दोष लोगों की हत्याओं को भी खत्म कर दिया है। उन्हें अपने रिकॉर्ड के लिए जवाब देना होगा। मैं अब्दुल्ला को इस बहस के लिए तैयार होने की चुनौती देता हूं। मैं तैयार हूं।