चुनाव परिणाम बनाम अनुमान (डिजाइन फोटो)
Political Year Ender 2025: साल 2025 अपने आखिरी दौर में है। महज पांच दिन शेष हैं और फिर हम नववर्ष 2026 का अभिनंदन करेंगे। 2025 राजनैतिक लिहाज से भी बहुत ही रोचक रहा। इस साल दिल्ली और बिहार में विधानसभा चुनाव हुए। दोनों ही राज्यों में भाजपा के नेतृत्व वाली एनडीए की सरकार बनी। पॉलिटिकल ईयर एंडर की यह कड़ी इन्हीं चुनावों के सर्वे से जुड़ी है।
इन दोनों ही राज्यों में हुए चुनावों में एक तरफ आम आदमी पार्टी, कांग्रेस और महागठबंधन को झटका लगा, तो दूसरी तरफ एग्जिट पोल और ओपनियन पोल कराने वाली सर्वे एजेंसियों का हाल भी बेहाल रहा। हालांकि, एक-दो सर्वें एजेंसियां ऐसी भी थीं जो जनता के मूड को सही-सही भांपने और उन्हें आंकड़ों में व्यवस्थित करने में कामयाबी हासिल की। तो चलिए जानते हैं वे एजेंसियां कौन सी हैं…
साल की शुरुआत में राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में विधानसभा चुनाव हुए। इन चुनावों वोटिंग से पहले सी वोटर ने ओपनियन पोल कराया, जिसमें दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार बनती हुई दिखाई दी। सर्वें में आप को 51 फीसदी वोट शेयर के साथ मजूबत हालत में बताया, लेकिन नतीजों में कुछ और ही दिखाई दिया।
इसके साथ ही दिल्ली में 5 फरवरी को हुई वोटिंग के बाद सामने आए एग्जिट पोल्स में कई एजेंसियों ने अपने-अपने आंकड़े दिए। जिसमें किसी ने कड़ी टक्कर दिखाई तो किसी ने आम आदमी पार्टी और किसी ने भारतीय जनता पार्टी की प्रचंड जीत का अनुमान लगाया। सभी एग्जिट पोल्स आप नीचे दी गई टेबल में देख सकते हैं।
| एजेंसी | AAP | BJP | कांग्रेस | अन्य |
|---|---|---|---|---|
| Matrize | 32 – 37 | 35 – 40 | 0 – 1 | 0 |
| People’s Pulse | 10 – 19 | 51 – 60 | 0 | 0 |
| Pmarq | 21 – 31 | 39 – 49 | 0 – 1 | 0 |
| JVC | 22 – 31 | 39 – 45 | 0 – 2 | 0 |
| Mind Brink | 44 – 49 | 21 – 25 | 0 – 1 | 0 |
| पोल ऑफ पोल्स | 30 | 39 | 0 | 0 |
हालांकि जब 8 फरवरी को दिल्ली चुनाव के नतीजे सामने आए तो सभी एग्जिट पोल मुंह के बल धराशाई होते दिखाई दिए। हालांकि पी-मार्क के एग्जिट पोल्स नतीजों के एकदम निकट साबित हुए। दिल्ली में 48 सीटों पर जीत दर्ज करते हुए भाजपा ने सरकार बनाई। जबकि आम आदमी पार्टी महज 22 सीटों पर सिमट गई। अरविंद केजरीवाल तक को हार का सामना करना पड़ा।
बात करें बिहार के चुनावी सर्वेक्षणों और वास्तविक नतीजों की तों यहां भी कुछ इसी तरह का आलम देखने को मिला। यहां वोटिंग से पहले तकरीबन सभी ओपिनियन पोल्स ने एनडीए की जीत की भविष्यवाणी की। वोटिंग के बाद एग्जिट पोल्स में तकरीबन सभी मुख्य सर्वें एजेंसियों ने एनडीए के पक्ष में आंकड़े रखे। यह आंकड़े भी आप नीचे दी गई तालिका में देख सकते हैं।
| संख्या | एजेंसी | एनडीए | महागठबंधन | जन सुराज | अन्य |
|---|---|---|---|---|---|
| 1 | Matrize | 147–167 | 70–90 | 00–02 | 02–08 |
| 2 | People’s Pulse | 133–159 | 75–101 | 00–05 | 02–08 |
| 3 | Dainik Bhaskar | 145–160 | 73–91 | 00–03 | 05–07 |
| 4 | Peoples Insight | 133–148 | 87–102 | 00–02 | 03–06 |
| 5 | JVC | 135–150 | 88–103 | 00–01 | 03–06 |
| 6 | P-Marq | 142–162 | 80–98 | 01–04 | 00–03 |
| 7 | Chanakya Strategies | 130–138 | 100–108 | 00–00 | 03–05 |
14 नवंबर को बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजे आए तो उपरोक्त तालिक में दिए गए सभी एजेंसियों के सर्वे हवा-हवाई साबित हुए। सर्वे एजेंसियों ने जो एनडीए की जीत का अनुमान जाहिर किया वह तो सच साबित हुआ। लेकिन बिहार में एनडीए की इतनी प्रचंड जीत होगी इसका अनुमान किसी ने नहीं लगाया था।
एनडीए ने 202 सीटों जीत दर्ज करते हुए बिहार में बंपर बहुमत हासिल करते हुए सरकार बनाई। किसी भी सर्वे एजेंसी ने बिहार विधानसभा चुनाव के एग्जिट पोल में एनडीए को 167 सीटों से ज्यादा पर जीत दर्ज करने की संभावना नहीं जताई थी। इस लिहाज से देंखें तो यहां सभी चुनावी सर्वे फेल होते हुए दिखाई दिए।
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दिल्ली और बिहार चुनाव के दौरान किए गए सर्वे यह बताते हैं कि हमें जमीनी स्तर पर माहौल को भांपना चाहिए। चुनाव के अंतिम दौर तक उस पर नजर रखनी चाहिए। जनता का मूड रैलियों की भीड़ और नेताओं की बातों से नहीं आंकना चाहिए। सर्वे की जमीनी हवा को पकड़ने की कोशिस करनी चाहिए और अंततः चुनाव नतीजों पर भरोसा करना चाहिए।