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26 दिसंबर को क्यों मनाया जाता वीर बाल दिवस है? इतिहास जान कांप जाएगी रूह

हर साल 26 दिसंबर को भारत में 'वीर बाल दिवस' के रूप में मनाया जाता है। यह दिन सिख धर्म के दसवें गुरु, गुरु गोबिंद सिंह जी के साहिबजादों बाबा जोरावर सिंह जी और बाबा फतेह सिंह जी  की शहादत को सम्मानित करने के लिए...

  • By Saurabh Pal
Updated On: Dec 25, 2024 | 03:24 PM

26 दिसंबर को क्यों मनाया जाता वीर बाल दिवस है? इतिहास जान कांप जाएगी रूह

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फीचर डेस्कः हर साल 26 दिसंबर को भारत में ‘वीर बाल दिवस’ के रूप में मनाया जाता है। यह दिन सिख धर्म के दसवें गुरु, गुरु गोबिंद सिंह जी के साहिबजादों बाबा जोरावर सिंह जी और बाबा फतेह सिंह जी  की शहादत को सम्मानित करने के लिए समर्पित है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को राजधानी स्थित भारत मंडपम में ‘वीर बाल दिवस’ के अवसर पर आयोजित एक कार्यक्रम में भाग लिया और युवाओं के एक मार्च पास्ट को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इस दिवस की घोषणा पिछले साल 9 जनवरी को गुरु गोबिंद सिंह जी के प्रकाश पर्व के अवसर पर की गई थी।

वीर बाल दिवस का इतिहास

वीर बाल दिवस की स्थापना के पीछे एक ऐतिहासिक पृष्ठभूमि है। सिख समुदाय के महान नेता, गुरु गोबिंद सिंह जी के चार पुत्र – साहिबजादे अजीत सिंह, जुझार सिंह, जोरावर सिंह और फतेह सिंह को खालसा पंथ का हिस्सा माना जाता था। 1699 में गुरु गोबिंद सिंह जी ने खालसा पंथ की स्थापना की, जिसका उद्देश्य धार्मिक उत्पीड़न के खिलाफ सिख समुदाय की रक्षा करना था। मुगल शासनकाल के दौरान इन चारों साहिबजादों ने कम उम्र में ही अपने धर्म और विश्वास की रक्षा के लिए अपने प्राण न्यौछावर कर दिए।

विशेष रूप से बाबा जोरावर सिंह (8 वर्ष) और बाबा फतेह सिंह (5 वर्ष) की शहादत की कहानी अत्यंत प्रेरणादायक और हृदयविदारक है। सरसा नदी के किनारे मुगलों द्वारा पकड़े जाने के बाद उन्हें इस्लाम कबूल करने का आदेश दिया गया। जब उन्होंने अपने धर्म को नहीं छोड़ा, तो उन्हें क्रूरता से जिंदा दीवार में चुनवा दिया गया।

वीर बाल दिवस का महत्व

यह दिन न केवल साहिबजादों के बलिदान को याद करने का अवसर है, बल्कि उनके अडिग साहस, दृढ़ता और धर्मनिष्ठा से प्रेरणा लेने का भी समय है। वीर बाल दिवस भारत के युवाओं को अपने इतिहास और सांस्कृतिक मूल्यों से जोड़ने का प्रयास करता है। साहिबजादों की कहानियां सिखाती हैं कि किस तरह विश्वास और संकल्प के लिए जीवन का बलिदान दिया जा सकता है।

घोषणा का समय

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 9 जनवरी 2023 को गुरु गोबिंद सिंह जी के प्रकाश पर्व पर इस दिवस की घोषणा की थी। 26 दिसंबर का दिन इसलिए चुना गया क्योंकि यह वह तिथि है जब साहिबजादों ने अपने धर्म की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति दी थी।

वीर बाल दिवस हमारे इतिहास के उन अध्यायों को जीवित रखने का प्रयास है, जो साहस, बलिदान और धार्मिक स्वतंत्रता की मिसाल प्रस्तुत करते हैं।

Why is veer bal diwas celebrated on 26 december

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Published On: Dec 25, 2024 | 03:24 PM

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