कुत्ते के काटने के केस (सौ. फ्रीपिक)
Dog Bite Cases in India: देश में साल 2024 को कुत्तों के काटने के करीब 37 लाख से भी अधिक मामले सामने आए थे। वहीं, 2023 की बात करें तो यह आंकड़ा 30.5 लाख था। दिन व दिन सोसायटी में कुत्तों के काटने के बढ़ते मामलों के बीच सुप्रीम कोर्ट का नया आदेश चर्चा का विषय बना हुआ है। इस मामले में कोर्ट का कहना है कि दिल्ली एनसीआर के इलाकों में आवारा कुत्तों को हटाकर शेल्टर होम भेजा जाएगा। सुप्रीम कोर्ट का यह आदेश लोगों के बीच काफी जोर पकड़ रहा है।
जहां एक ओर कोर्ट का यह फैसला रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन के लिए राहत भरा है तो वहीं दूसरी ओर जानवरों के हक में आवाज उठाने वालों ने इसे गलत कदम बताया है। लेकिन इस बहस के बीच यह सवाल जरूर उठता है कि देश के किन राज्यों में सबसे अधिक कुत्ते के काटने और उसकी वजह से रेबीज से मौत के आंकड़े कितने हैं।
पशुपालन और डेयरी मंत्रालय की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार एक साल में आवारा कुत्तों के काटने के मामले लाखों में है। जिसका शिकार ज्यादा बच्चे हुए हैं। इसके अलावा मौत के आंकड़े भी जारी किए गए हैं। बता दें कि भारत सरकार के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय की तरफ से कुत्ते के काटने और रेबीज से जुड़े मामले देखे जाते हैं।
जनवरी 2024 से लेकर दिसंबर 2025 तक कुत्तों के काटने के मामले कुल 3717336 हैं। पीआईबी के अनुसार इनमें से 2195122 मामले रूरल इलाकों से आए थे। पिछले साल कुत्तों के काटने से 37 लाख से ज्यादा लोगों की दर्दनाक मौत हुई जिसमें ज्यादातर मामले रेबीज के थे।
हर साल देश में कुत्तों के काटने के मामलों में बढ़ोतरी देखी गई है। जहां साल 2018 में देशभर में 75.7 लाख मामले सामने आए। लॉकडाउन के समय यानी 2020 में आंकड़ों में कमी देखी गई। इस दौरान देश में 47.6 लाख मामले सामने आए। इसके अलावा 2021 में 32.4 लाख मामले आए और 2023 में यह आंकड़ा 30.5 लाख से ज्यादा पहुंच गए थे।
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आंकड़ों के अनुसार महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा कुत्ते के काटने के मामले दर्ज किए गए हैं। साल 2025 के पहले महीने में ही यहां करीब 56538 हजार मामले सामने आए। पिछली साल 2024 में यहां करीब 4 लाख 85 हजार से ज्यादा मामले आए थे।
सरकार की तरफ से जारी किए गए आंकड़ों में बड़े-बड़े राज्यों से सबसे ज्यादा मामले दर्ज किए गए हैं। देश की राजधानी दिल्ली में यह आंकड़ा पिछली साल 2024 को 25 हजार से ज्यादा का था।
इसके अलावा तमिलनाडु में 4 लाख 80 हजार, गुजरात में तीन लाख 92 हजार, कर्नाटक में 3 लाख 61 हजार, उत्तर प्रदेश में 1 लाख 64 हजार, राजस्थान में 1 लाख 40 हजार, बिहार में 2 लाख 63 हजार, आंध्र प्रदेश में 2 लाख 45 हजार और असम में 1 लाख 66 हजार मामले सामने आए।