
सौभाग्य सुंदरी तीज व्रत
Saubhagya Sundari Vrat 2024: हर साल मार्गशीर्ष मास के कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि को ‘सौभाग्य सुंदरी व्रत’ रखा जाता है। इस बार यह व्रत 18 नवंबर 2024 सोमवार को रखा जाएगा। इस दिन सुहागिन महिलाएं पति की लंबी आयु और अच्छे स्वास्थ्य के लिए व्रत रखती हैं। इस व्रत को करवा चौथ की भांति ही अखंड सौभाग्य और सौंदर्य की प्राप्ति के लिए रखा जाता है। इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की विधिवत पूजा की जाती है। आइए जानते हैं सौभाग्य सुंदरी व्रत की पूजा विधि और महिमा।
‘सौभाग्य सुंदरी तीज’ की पूजा ऐसे करें
महिलाएं सुबह संकल्प लेकर तीज का व्रत आरंभ करें। इस दिन महिलाओं को स्नान के बाद नए शुभ रंगों के परिधान पहनने चाहिए। उसके बाद महिलाओं को अपने हाथ पर मेंहदी रचानी चाहिए और संपूर्ण श्रृंगार करें। अब एक चौकी पर लाल या पीले रंग का वस्त्र बिछाकर माता पार्वती, शिवजी और गणेश जी की तस्वीर या मूर्ति स्थापित कर दें।
मां पार्वती को सोलह श्रृंगार अर्पित करें। इसके साथ ही सिंदूर, रोली, फूल, माला, कुमकुम के साथ भोग लगाएं और एक पान में 2 सुपारी, 2 लौंग, 2 हरी इलाचयी, 1 बताशा और 1 रुपए रखकर चढ़ा दें। भगवान शिव को भी सफेद रंग का चंदन, अक्षत, फूल, माला चढ़ाने के साथ भोग लगा दें। अब घी का दीपक जलाकर भगवान् की आरती करें और यथासंभव मंत्रों का जाप करें।
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सौभाग्य सुंदरी व्रत का महत्व
सौभाग्य सुंदरी व्रत वैवाहिक जीवन में मधुरता और सौभाग्य लाने के लिए रखा जाता है। इसके साथ ही पति और संतान की सुख-समृद्धि के लिए महिलाएं इस व्रत को रखती हैं। धार्मिक मान्यता है कि जो महिला इस व्रत को रखती हैं उसे सुखी और सफल जीवन प्राप्त होता है। इसके साथ ही जिन अविवाहित कन्याओं की कुंडली में विवाह दोष हो, वह भी इस व्रत को करके दोष से मुक्त हो सकती है।
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जिन महिलाओं की कुंडली में मांगलिक दोष और प्रतिकूल ग्रह स्थिति है उनके लिए यह व्रत विशेष रूप से लाभकारी है। सौभाग्य सुंदरी तीज को महिलाओं के लिए ‘अखंड वरदान’ के रूप में जाना जाता है। मान्यता है कि जो भी स्त्री इस प्रकार व्रत करती हैं, उसके सुहाग की रक्षा स्वयं माता पार्वती करती हैं।






