किरेन रिजिजू, फोटो - सोशल मीडिया
नई दिल्ली : केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने शनिवार यानी 22 मार्च को वक्फ संशोधन विधेयक के बारे में बात की। उन्होंने कहा कि यह विधेयक पारदर्शिता बढ़ाने और गरीबों एवं महिलाओं की मदद करने के लिए है। उनका कहना है कि यह विधेयक मुस्लिम संपत्तियों को हड़पने के लिए नहीं, बल्कि एक बेहतर व्यवस्था बनाने के लिए है।
वक्फ संपत्तियां वे संपत्तियां हैं, जो मुस्लिम समुदाय धर्मार्थ कार्यों के लिए दान करता है। वक्फ संशोधन विधेयक इन संपत्तियों को बेहतर तरीके से प्रबंधित करने के लिए लाया गया है। 1995 के वक्फ अधिनियम में कई समस्याएं थीं, जैसे कुप्रबंधन, भ्रष्टाचार और अतिक्रमण। इस नए विधेयक में इन समस्याओं को ठीक करने की कोशिश की गई है।
रिजिजू ने मीडिया से कहा, “हमने सभी मुस्लिम संगठनों से बात की है। यह विधेयक किसी की जमीन छीनने के लिए नहीं है। भारत एक लोकतांत्रिक देश है और संविधान के तहत चलता है। इससे पारदर्शिता बढ़ेगी और गरीबों व महिलाओं को फायदा होगा।” उन्होंने यह भी बताया कि यह विधेयक पहले लोकसभा में पेश होगा, फिर राज्यसभा में।
संसद की संयुक्त समिति (जेपीसी) ने इस विधेयक पर अपनी रिपोर्ट 13 फरवरी को संसद में रखी। बीजेपी सांसद मेधा विश्राम कुलकर्णी ने राज्यसभा में और जगदंबिका पाल ने लोकसभा में रिपोर्ट पेश की। लेकिन विपक्ष ने इसका विरोध किया। विपक्षी सांसदों का कहना था कि उनकी असहमति को रिपोर्ट में शामिल नहीं किया गया। हालांकि, रिजिजू ने इस आरोप को गलत बताया।
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आपको जानकारी के लिए बताते चलें कि जेपीसी ने बीते महीने 29 जनवरी को रिपोर्ट तैयार की और विधेयक में 14 हिस्सों में 25 बदलाव किए। इसका मकसद वक्फ संपत्तियों को सही तरीके से चलाना और समस्याओं को दूर करना है।