नई दिल्ली: मणिपुर में आदिवासियों और गैर-आदिवासियों के बीच हिंसा के बाद मणिपुर के आठ जिलों में बुधवार (3 मई) को कर्फ्यू लगाया गया है। मैतेई समुदाय को अनुसूचित जनजाति (ST) श्रेणी में शामिल करने की मांग का विरोध करते हुए जनजातीय समूहों की ओर से बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन किया गया। इस दौरान मणिपुर के चुराचांदपुर (Churachandpur) में तनाव के बीच भीड़ ने घरों में तोड़फोड़ की। जिसके बाद प्रशासन ने राज्य के आठ जिलों में कर्फ्यू (Curfew) लगा दिया है। जिला प्रशासन ने मणिपुर में मोबाइल इंटरनेट बंद कर दिया है।
#WATCH | Mob destroys houses amid tensions in Churachandpur Town in Manipur. Public curfew has been imposed in the district. pic.twitter.com/jonBsyRI18
— ANI (@ANI) May 3, 2023
जिला प्रशासन ने आदेश जारी करते हुए कहा, ‘चुराचांदपुर जिले के राजस्व अधिकार क्षेत्र, विशेष रूप से कांगवाल, तुइबोंग और चौराचांदपुर अनुमंडल में तत्काल प्रभाव से और अगले आदेश तक कर्फ्यू लगाया जाता है। बिष्णुपुर जिले के पूरे अधिकार क्षेत्र में पांच या अधिक व्यक्तियों की सभा, जो गैरकानूनी होने की संभावना है, और वैध लाइसेंस के बिना लाठी, पत्थर, आग्नेयास्त्र ले जाने, हथियार या किसी भी विवरण की वस्तुओं को आपत्तिजनक हथियार के रूप में इस्तेमाल करने पर प्रतिबंध रहेगा।’ साथ ही मणिपुर में मोबाइल इंटरनेट बंद कर दिया गया है।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि रैली में हजारों आंदोलनकारियों ने हिस्सा लिया और इस दौरान तोरबंग इलाके में आदिवासियों और गैर-आदिवासियों के बीच हिंसा की खबरें आईं। अधिकारी ने बताया कि भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे। उन्होंने कहा कि स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है लेकिन कई आंदोलनकारी पहाड़ियों के विभिन्न हिस्सों में अपने घरों को लौटने लगे हैं।
उन्होंने कहा कि स्थिति को देखते हुए, गैर-आदिवासी बहुल इंफाल पश्चिम, काकचिंग, थौबल, जिरिबाम और बिष्णुपुर जिलों और आदिवासी बहुल चुराचांदपुर, कांगपोकपी और तेंगनौपाल जिलों में कर्फ्यू लगा दिया गया है। राज्यभर में मोबाइल इंटरनेट सेवाओं को तत्काल प्रभाव से पांच दिनों के लिए निलंबित कर दिया गया है लेकिन ब्रॉडबैंड सेवाएं चालू है। कर्फ्यू लगाने संबंधी अलग-अलग आदेश आठ जिलों के प्रशासन द्वारा जारी किए गए हैं।