दिवंगत नौसेना अधिकारी विनय नरवाल के पिता राजेश नरवाल व पीएम मोदी (फोटो- सोशल मीडिया)
नई दिल्ली: पहलगाम आतंकी हमले को एक महीना गुजर चुका है, लेकिन नौसेना अधिकारी लेफ्टिनेंट विनय नरवाल की शहादत का दर्द उनके परिवार के लिए अब भी ताजा है। इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान और ऑपरेशन सिंदूर पर विनय के पिता राजेश नरवाल का भावुक बयान सामने आया है। उन्होंने कहा कि बेटे का जाना एक असहनीय वेदना है, लेकिन सरकार ने जिस तरह आतंकियों को जवाब दिया है, वह सराहनीय है। उनका कहना है कि प्रधानमंत्री मोदी का यह कड़ा संदेश साफ करता है कि अब भारत आतंकियों को बख्शने वाला नहीं है।
हमले के बाद विनय नरवाल के परिवार से मिलने पहुंचे असम के मंत्री केशब महंता ने परिवार को आर्थिक सहायता दी और कहा कि उन्हें प्रधानमंत्री मोदी पर पूरा विश्वास है। उन्होंने उम्मीद जताई कि सरकार आतंकवाद के स्थायी समाधान की दिशा में मजबूत कदम उठाएगी। इस मुलाकात में मंत्री ने परिवार के साथ संवेदनाएं साझा कीं और ऑपरेशन सिंदूर को एक निर्णायक कार्रवाई बताया।
Karnal, Haryana: Father of Navy officer Vinay Narwal, martyred in the Pahalgam terrorist attack, Rajesh Narwal says, “A month has passed, and there is nothing good in the fact that we have been in grief for this entire month…However, the government has taken a strong step by… pic.twitter.com/UThQxdsYBL
— IANS (@ians_india) May 23, 2025
हमारी वेदना शब्दों में नहीं समा सकती
शहीद लेफ्टिनेंट विनय नरवाल के पिता ने पहलगाम हमले के एक महीने पूरे होने पर मीडिया से बातचीत में कहा कि यह समय हमारे लिए वियोग का रहा है। बेटे को अपनी आंखों के सामने खो देने का दर्द कभी भुलाया नहीं जा सकता। लेकिन ऑपरेशन सिंदूर के जरिए सरकार ने जो कड़ा संदेश आतंकियों को दिया है, वह हर शहीद परिवार के लिए कुछ हद तक संतोषजनक है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी का बयान देश के भीतर आतंक पर जीरो टॉलरेंस की सोच को दर्शाता है।
पत्नी के सामने दी गई थी शहादत
22 अप्रैल को पहलगाम की बैसरन घाटी में छुट्टियां मना रहे विनय नरवाल को आतंकियों ने उस समय निशाना बनाया जब वह अपनी पत्नी हिमांशी के साथ थे। आतंकियों ने पहले उनका धर्म पूछा और फिर उनकी पत्नी के सामने ही गोली मारकर हत्या कर दी। यह घटना पूरे देश को झकझोर गई थी और इसके बाद सरकार ने तुरंत जवाबी कार्रवाई में ऑपरेशन सिंदूर को अंजाम दिया।