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जयंती विशेष: आजादी की नायिका और सत्ता की महारानी…सत्ता, परिवार और कड़वाहट से भरी अनसुनी कहानी

Vijaya Lakshmi Pandit नेहरू की बहन से लेकर अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ख्याती पाने वाली भारतीय महिला राजनेता, स्वतंत्रता आंदोलन की पुरस्कर्ता एवं UN में भारत की प्रमुख चेहरा रहीं थी। जानते है इनकी कहानी।

  • By सौरभ शर्मा
Updated On: Aug 18, 2025 | 07:00 AM

विजयलक्ष्मी पंडित और इंदिरा गांधी (फोटो- सोशल मीडिया)

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भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की बहन विजयलक्ष्मी पंडित का नाम भारतीय राजनीति और अंतरराष्ट्रीय कूटनीति में स्वर्ण अक्षरों में दर्ज है। वे संयुक्त राष्ट्र महासभा की पहली महिला अध्यक्ष बनीं और भारत की आजादी की लड़ाई में अहम भूमिका निभाई। लेकिन इस गौरवशाली पहचान के पीछे उनकी निजी जिंदगी और पारिवारिक रिश्तों की तल्ख हकीकत भी छिपी थी। विशेष रूप से भतीजी इंदिरा गांधी के साथ उनका रिश्ता बेहद कड़वाहट से भरा रहा।

विजयलक्ष्मी पंडित का जन्म 18 अगस्त 1900 को इलाहाबाद आज के प्रयागराज में नेहरू परिवार में हुआ। घर पर ही उनकी पढ़ाई हुई और 1921 में उन्होंने प्रसिद्ध वकील रणजीत सीताराम पंडित से विवाह किया। गांधीजी के विचारों से प्रभावित होकर उन्होंने स्वतंत्रता आंदोलनों में हिस्सा लिया और कई बार जेल भी गईं। उनके पति को भी ब्रिटिश सरकार ने जेल में डाला, जहां से रिहा होने के बाद उनका निधन हो गया। इस घटना ने विजयलक्ष्मी के जीवन को गहराई से प्रभावित किया और वे और कठोर संकल्प के साथ स्वतंत्रता संग्राम में कूद पड़ीं।

राजनीति और कूटनीति की बुलंदियां

1937 में विजयलक्ष्मी पंडित संयुक्त प्रांत की विधानसभा के लिए चुनी गईं और उन्हें स्थानीय स्वशासन और स्वास्थ्य मंत्री का पद मिला। वे स्वतंत्रता-पूर्व भारत में कैबिनेट पद पाने वाली पहली महिला बनीं। इसके बाद उन्होंने अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत का प्रतिनिधित्व किया। 1947 से 1949 तक वे सोवियत संघ में भारत की राजदूत रहीं, फिर अमेरिका और मैक्सिको, ब्रिटेन, आयरलैंड और स्पेन में भी भारत का चेहरा बनीं। 1953 में संयुक्त राष्ट्र महासभा की पहली महिला अध्यक्ष बनने का गौरव उन्हें मिला। संयुक्त राष्ट्र महासभा में वे विश्व की पहली महिला अध्यक्ष होने वाली भी लीडर बनीं। इस उपलब्धि को विश्व स्तर पर सराहा गया और बाद में उन्हें अमेरिका की प्रतिष्ठित अल्फा कप्पा अल्फा सोरोरिटी ने भी मानद सदस्य बनाया।

बुआ-भतीजी के रिश्ते में दरार

नेहरू की बहन विजयलक्ष्मी का अपने भाई से जवाहर लाल नेहरू के साथ बहुत गहरा लगाव था। लेकिन जैसे ही पंडित नेहरू की शादी हुई और पत्नी कमला नेहरू उनके जीवन में आईं और फिर इसके साथ ही इंदिरा ने उनके जीवन में जगह बनाई, संबंध बदलने लगे। जीवनीकार पुपुल जयकर लिखती हैं कि विजयलक्ष्मी ने इंदिरा को कुरूप और मूर्ख कहकर पुकारा। यह टिप्पणी इंदिरा गांधी को बेहद आहत कर गई और उनके आत्मविश्वास पर गहरी चोट पहुंचाई। यही वजह रही कि इंदिरा किशोरावस्था से ही अंतर्मुखी और गंभीर स्वभाव की हो गईं थी।

विजयलक्ष्मी और इंदिरा के बीच दरार तब और बढ़ी जब इंदिरा ने फिरोज गांधी से शादी का निर्णय लिया। बुआ ने उन्हें सलाह दी कि शादी करने के बजाय सिर्फ रोमांटिक रिश्ता रखो। यह बात इंदिरा को बेहद अपमानजनक लगी और इसके बाद से उनके रिश्ते में स्थायी खटास आ गई।

सत्ता की विरासत के लिए पीएम पद तक किया संघर्ष

1966 में लाल बहादुर शास्त्री के निधन के बाद जब प्रधानमंत्री पद के लिए नए नेता की तलाश हुई, तब एक पल के लिए विजयलक्ष्मी ने भी सोचा कि वे अपनी दावेदारी पेश करें। उनकी बहन कृष्णा हठीसिंह ने अपनी किताब “वी नेहरूज” में लिखा है कि विजयलक्ष्मी तत्काल भारत लौटीं, लेकिन कामराज और कांग्रेस नेतृत्व ने उनके नाम पर विचार तक नहीं किया। आखिरकार प्रधानमंत्री की कुर्सी इंदिरा गांधी को मिली।

ऐसी टिप्पणी कि इंदिरा को बता दिया अनुभव हीन

इंदिरा के प्रधानमंत्री बनने पर भी विजयलक्ष्मी की टिप्पणी ने विवाद खड़ा किया। उन्होंने कहा था कि इंदिरा में गुण हैं, बस अनुभव की कमी है, जो समय के साथ पूरी हो जाएगी। इंदिरा को यह टिप्पणी भी पसंद नहीं आई। दरअसल, बुआ और भतीजी के रिश्ते में अविश्वास और कटुता इतनी गहरी हो चुकी थी कि दोनों कभी एक-दूसरे के करीब नहीं आ सकीं।

यह भी पढ़ें: प्यार, क्रांति और बलिदान की रहस्यमय गाथा, जानें वो कहानी जब नेताजी हार बैठे एक टाइपिस्ट पर दिल

दुनिया में पाई ख्याति लेकिन परिवार से नहीं बनी

विजयलक्ष्मी पंडित की राजनीतिक और कूटनीतिक उपलब्धियां उन्हें भारत ही नहीं, विश्व के इतिहास में विशेष स्थान देती हैं। लेकिन परिवार और निजी रिश्तों की तल्ख़ सच्चाई यह भी बताती है कि सत्ता और विरासत की जंग ने कभी-कभी सबसे नज़दीकी रिश्तों को भी तोड़ दिया। नेहरू परिवार की यह कहानी आज भी राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बनी रहती है।

Vijaya lakshmi pandit indira gandhi relationship story first president of un assembly

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Published On: Aug 18, 2025 | 07:00 AM

Topics:  

  • Birthday Special
  • Indian History
  • Today In History

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