उपराष्ट्रपति चुनाव 2022,फोटो- सोशल मीडिया
Vice President Election Voting: एनडीए की तरफ से सीपी राधाकृष्णन उम्मीदवार हैं, जबकि विपक्षी INDIA गठबंधन की ओर से पी. सुदर्शन रेड्डी मैदान में हैं। उल्लेखनीय है कि मौजूदा उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने 21 जुलाई को स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए पद से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद यह पद खाली हुआ और अब नया चुनाव कराया जा रहा है।
अब सवाल है कि उपराष्ट्रपति का चुनाव भारत में किस तरह होता है, कौन-कौन लोग वोट डाल सकते हैं, और अगर कोई सांसद पार्टी लाइन के खिलाफ जाकर वोट करता है तो उस पर क्या कार्रवाई हो सकती है?
उपराष्ट्रपति के लिए मतदान संसद भवन में किया जाएगा। यह प्रक्रिया मंगलवार सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक चलेगी। मतदान के बाद शाम 6 बजे से वोटों की गिनती शुरू होगी और उसी दिन नतीजा घोषित कर दिया जाएगा। इस चुनाव के लिए राज्यसभा के महासचिव पीसी मोदी को रिटर्निंग ऑफिसर नियुक्त किया गया है।
इस चुनाव में वोट देने का अधिकार केवल सांसदों को होता है। यानी लोकसभा और राज्यसभा, दोनों सदनों के निर्वाचित सदस्य और राज्यसभा के नामित सदस्य भी वोट डाल सकते हैं। इस बार कुल 781 सांसद वोट डालने के पात्र हैं। इनमें 233 राज्यसभा के निर्वाचित सदस्य (छह सीटें खाली), 12 मनोनीत सदस्य और लोकसभा के 543 में से 542 सदस्य (एक सीट खाली) शामिल हैं।
वोटिंग प्रक्रिया पूरी तरह गोपनीय होती है और सिंगल ट्रांसफरेबल वोट सिस्टम (STVS) के तहत होती है। वोटिंग के लिए सफेद रंग के मतपत्र का प्रयोग किया जाता है। मतदाता को उम्मीदवारों के नाम के सामने अपनी प्राथमिकता अंक (1, 2…) के रूप में दर्ज करनी होती है। यह प्राथमिकता हिंदी या अंग्रेजी में दी जा सकती है।
मतदाता को खुद उपस्थित होकर वोट डालना होता है। किसी की मदद लेने की अनुमति नहीं होती, सिवाय उन सांसदों के जो जेल में हैं या डिटेंशन में हैं। इस बार दो सांसद, शेख अब्दुल रशीद और अमृतपाल सिंह, पोस्टल बैलेट से मतदान करेंगे क्योंकि वे हिरासत में हैं।
वोटों की गिनती में सबसे पहले वैध मतों की पहचान की जाती है। फिर पहली प्राथमिकता वाले वोटों को गिना जाता है। यदि किसी को 50 प्रतिशत से ज्यादा वोट मिल जाते हैं, तो उसे विजेता घोषित किया जाता है। अगर ऐसा नहीं होता, तो सबसे कम वोट पाने वाले को बाहर कर दिया जाता है और उसके वोट अगली प्राथमिकता के अनुसार बाकी उम्मीदवारों में बांट दिए जाते हैं। यह प्रक्रिया तब तक चलती है जब तक कोई उम्मीदवार बहुमत प्राप्त नहीं कर लेता।