उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, फोटो: सोशल मीडिया
Vice President Jagdeep Dhankar Resign: उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए अपने पद से तत्काल इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, मंत्रिपरिषद और सांसदों का सहयोग और स्नेह के लिए आभार व्यक्त किया है। धनखड़ ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में कहा कि भारत की प्रगति का साक्षी बनना उनके लिए गर्व और सम्मान की बात रही है।
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने इस्तीफा देने के पीछे स्वास्थ्य कारण बताया है। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने अपने सोशल मीडिया पर लिखा, ‘स्वास्थ्य को प्राथमिकता देने और चिकित्सीय सलाह का पालन करने के लिए मैं संविधान के अनुच्छेद 67(ए) के अनुसार, तत्काल प्रभाव से भारत के उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा देत हूं। मैं भारत के महामहिम माननीय राष्ट्रपति जी के प्रति उनके अटूट समर्थन और मेरे कार्यकाल के दौरान हमारे बीच बने सुखद और अद्भुत कार्य संबंधों के लिए अपनी हार्दिक कृतज्ञता व्यक्त करता हूं। प्रधान मंत्री जी का सहयोग और समर्थन अमूल्य रहा है और मैंने अपने कार्यकाल के दौरान बहुत कुछ सीखा है। सभी माननीय संसद सदस्यों से मुझे जो गर्मजोशी, विश्वास और स्नेह मिला है वह हमेशा मेरी स्मृति में रहेगा।’
— Vice-President of India (@VPIndia) July 21, 2025
आज मानसून सत्र के शुरू होते ही उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने इस्तीफा दिया है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी कैबिनेट का सहयोग के लिए धन्यवाद भी किया। बता दें कि मार्च महीने में जगदीश धनखड़ को एम्स में भर्ती कराया गया था। ह्रदय से जुड़ा कुछ इंफेक्शन उनको हुआ था जिसकी वजह से वे भर्ती हुए थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनसे अस्पताल में मुलाकात भी की थी।
धनखड़ नेअपने सोशल मीडिया पर आगे लिखा, ‘इस महत्वपूर्ण कालखंड में भारत की अभूतपूर्व आर्थिक प्रगति और असाधारण विकास का साक्षी बनना और उसमें सहभागी होना मेरे लिए गर्व की बात रही है। हमारे देश के इस परिवर्तन कारी युग में सेवा करना मेरे लिए एक सच्चा सम्मान रहा है। मैं जब इस पद को छोड़ रहा हूं तो मैं भारत के वैश्विक उत्थान और उसकी अद्भुत उपलब्धियों पर गर्व से भर जाता हूं।’
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उपराष्ट्रपति धनखड़ ने हाल ही में कहा था कि ईश्वर की कृपा रही तो वो 2027 के अगस्त में सेवानिवृत्त हो जाएंगे। धनखड़ का पांच साल का कार्यकाल चौदहवें उपराष्ट्रपति के रूप में 10 अगस्त, 2027 को समाप्त हो रहा है। धनखड़ उपराष्ट्रपति चुने जाने से पहले पश्चिम बंगाल के राज्यपाल रह चुके हैं।