
अमित शाह, (केंद्रीय गृह मंत्री)
Amit Shah On Vande Mataram In Parliament: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को वंदे मातरम पर राज्यसभा में चर्चा की शुरुआत की। उन्होंने इसे कांग्रेस का तुष्टिकरण का प्रयास बताया, जिसने आगे चलकर देश के विभाजन के बीज बोए। राज्यसभा में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि जब अंग्रेजों ने वंदे मातरम् पर कई प्रतिबंध लगाए तब बंकिम बाबू ने एक पत्र में लिखा था कि मुझे कोई आपत्ति नहीं है, मेरे सभी साहित्य को गंगा जी में बहा दिया जाए, यह मंत्र वंदे मातरम अनंतकाल तक जीवित रहेगा, यह एक महान गान होगा और लोगों के हृदय को जीत लेगा और भारत के पुनर्निर्माण का यह मंत्र बनेगा।
वंदे मातरम के 150 साल पूरे होने पर राज्यसभा में बहस के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, वंदे मातरम् ने एक ऐसे राष्ट्र को जागरूक किया जो अपनी दिव्य शक्ति को भुला चुका था। राष्ट्र की आत्मा को जागरूक करने का काम वंदे मातरम ने किया इसलिए महर्षि अरविंद ने कहा वंदे मातरम भारत के पुनर्जन्म का मंत्र है।
अमित शाह ने कहा कि वंदे मातरम की दोनों सदनों में इस चर्चा से, वंदे मातरम के महिमा मंडन से, वंदे मातरम के गौरव गान से हमारे बच्चे, किशोर, युवा और आने वाली कई पीढ़ियां वंदे इसके महत्व को भी समझेंगी और उसको राष्ट्र के पुनर्निर्माण का एक प्रकार से आधार भी बनाएगी। कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी के बयान पर पलटवार करते हुए उन्होंने कहा कि वंदे मातरम के 100 साल पूरा होने पर आपातकाल लगा। वंदे मातरम बोलने वालों को जेल भेजा गया। तुष्टिकरण के लिए वंदे मातरम का विरोध करते हैं।
केंद्रीय गृहमंत्री ने आगे कहा कि इंडिया अलायंस के ढेर सारे लोगों ने कहा था कि हम वंदे मातरम नहीं गाएंगे। कई सारे सदस्य संसद में बैठे होते हैं तो भी बाहर चले जाते हैं। भाजपा का एक भी सदस्य वंदे मातरम के गान के समय सम्मान में खड़ा न हो, ऐसा हो ही नहीं सकता। कांग्रेस के कौन कौन से सदस्य वंदे मातरम के दौरान चले गए उनकी सूची मैं रख दूंगा, उनका नाम इस चर्चा में रखा जाए।
आजादी के आंदोलन में राष्ट्रीय एकता का स्वर बनने वाला गीत ‘वन्दे मातरम्’ आत्मनिर्भर व विकसित भारत की प्रेरणा बन रहा है। बंकिम बाबू द्वारा लिखित इस अमर गीत के 150 वर्ष पूर्ण होने पर राज्यसभा में चर्चा से लाइव… https://t.co/CBUHXQf0Oc — Amit Shah (@AmitShah) December 9, 2025
अमित शाह ने कहा कि वंदे मातरम सिर्फ बंगाल तक सीमित नहीं था। वंदे मातरम का गान और गीत भारत माता को गुलामी की जंजीरों से मुक्त करने का नारा बना था। आजादी के संग्राम का बहुत बड़ा प्रेरणा स्रोत बना था, शहीदों को सर्वोच्च बलिदान देते वक्त अगले जन्म भी भारत में जन्म लेकर पुन बलिदान की प्रेरणा वंदे मातरम देता है।
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अमित शाह ने कहा कि जब वंदे मातरम के 50 साल पूरे हुए, तब देश आजाद नहीं हुआ था, और वंदे मातरम की जब स्वर्ण जयंती हुई, तब जवाहरलाल नेहरू ने वंदे मातरम के दो टुकड़े कर उसे दो अंतरों तक सीमित कर दिया और वहीं से तुष्टिकरण की शुरुआत हुई और ये तुष्टिकरण देश के विभाजन का आधार बना। मेरे जैसे कई लोगों का मानना है, अगर कांग्रेस, तुष्टिकरण की नीति के तहत वंदे मातरम का बंटवारा नहीं करती तो देश का बंटवारा नहीं होता, आज देश पूरा होता।






